महाराष्ट्र की सियासत में नया मोड़: उद्धव-राज की जोड़ी तैयार "महाराष्ट्र में 'खेला' शुरू?
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने शनिवार को मुंबई में बड़ी रैली की। इस दौरान मराठी भाषा को लेकर दोनों भाइयों ने एक सुर में अपनी बात रखी। इसके साथ ही दोनों ने एक अहम ऐलान भी कर डाला। उद्धव ठाकरे ने मंच से कहाकि दोनों साथ आए हैं तो साथ ही रहेंगे।

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने शनिवार को मुंबई में बड़ी रैली की। इस दौरान मराठी भाषा को लेकर दोनों भाइयों ने एक सुर में अपनी बात रखी। इसके साथ ही दोनों ने एक अहम ऐलान भी कर डाला। उद्धव ठाकरे ने मंच से कहाकि दोनों साथ आए हैं तो साथ ही रहेंगे। वहीं, मनसे चीफ राज ठाकरे ने कहाकि दोनों भाइयों को साथ खड़ा करके देवेंद्र फडणवीस ने वह कर दिखाया, जो बालासाहेब ठाकरे भी नहीं कर पाए। इस तरह महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा बदलाव आता नजर आ रहा है। अगर राज ठाकरे की मनसे और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) का यह साथ चुनाव अभियान में भी बना रहा तो भाजपा के लिए खासी मुश्किल खड़ी हो सकती है।
नगर निगम और महाराष्ट्र की सत्ता पर करेंगे कब्जा
उद्धव ने उन्होंने यह भी कहा कि वह और राज मिलकर मुंबई नगर निगम और महाराष्ट्र की सत्ता पर कब्जा करेंगे। दो दशकों के बाद उद्धव और राज ने सार्वजनिक मंच साझा किया और ‘आवाज मराठीचा’ नामक एक विजय सभा आयोजित की जो राज्य के स्कूलों में कक्षा एक से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को शामिल करने के लिए सरकार द्वारा पहले जारी किए गए दो सरकारी आदेशों को वापस लेने का जश्न मनाने के लिए की गई। इस रैली में दोनों भाइयों ने भाजपा और एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना पर जमकर गुस्सा उतारा। उद्धव ठाकरे ने तो यहां तक कह डाला कि अगर मराठी के लिए हमें गुंडा कहा जाता है तो हम गुंडे हैं।
दिलचस्प होगी राजनीति
करीब 20 साल बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के मिलन को लेकर महाराष्ट्र में सियासी माहौल भी खासा गर्म हो गया है। मराठी अस्मिता के बहाने जुटे दोनों दिग्गजों ने अगर चुनावी तालमेल भी बनाया तो यह भाजपा और उसके सहयोगी दलों को मुश्किल में डालेगा। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर सियासी गतिविधियां तेजी पर हैं। महाराष्ट्र में एक तरफ भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन है, जिसमें शिंदे सेना भी शामिल है। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी का महाविकास अघाड़ी गठबंधन है।(एजेंसी)