गणपति विसर्जन: प्रेमानंद महाराज ने दी चेतावनी, भूलकर भी ना करें ये गलती

Ganpati Visharjan 2025 : कई लोग दस दिवसीय पर्व के बीच में ही गणपति का विसर्जन कर चुके हैं। वहीं आज मेन विसर्जन का दिन है। ऐसे में प्रेमानंद महाराज ने गणपति की मूर्ति के विसर्जन का सही तरीका बताया है।

गणपति विसर्जन: प्रेमानंद महाराज ने दी चेतावनी, भूलकर भी ना करें ये गलती

Ganpati Visharjan 2025 : कई लोग दस दिवसीय पर्व के बीच में ही गणपति का विसर्जन कर चुके हैं। वहीं आज मेन विसर्जन का दिन है। ऐसे में प्रेमानंद महाराज ने गणपति की मूर्ति के विसर्जन का सही तरीका बताया है। इसी के साथ उन्होंने बताया है कि आखिर विसर्जन के दौरान कौन सी गलती नहीं करनी चाहिए?

आज यानी कि 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी का पर्व है। हर साल इसे भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। साथ ही आज गणपति बप्पा के विसर्जन का भी दिन है। दस दिन तक बप्पा की सेवा-सत्कार करने के बाद उनकी विदाई करने में आंखें नम हो ही जाती है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को परम पूज्य भगवान कहा जाता है। ऐसे में गणेश चतुर्थी की तरह ही विसर्जन की पूजा में भी कोई कमी नहीं होनी चाहिए। वहीं अब वृंदावन के जाने-माने संत प्रेमानंद महाराज ने गणपति विसर्जन को लेकर कुछ ऐसे नियम बताए हैं जिसका पालन किया जाना जरूरी है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया है कि बप्पा की विदाई कैसे नहीं करनी चाहिए।

ऐसे ना करें भगवान का अपमान

अमूनन ऐसा देखा जाता है कि गणपति विसर्जन के दौरान नदियों, घाटों और तालाब में भगवान की मूर्ति यहां वहां पड़ी रहती है। अपने हाल ही के प्रवचन के दौरान प्रेमानंद महाराज ने इसी पर अपना रिएक्शन दिया है। उन्होंने कहा कि लोग इस पर्व के दौरान भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करते हैं लेकिन विसर्जन के समय मूर्ति को नदी-तालाब में डाल देते हैं। बाद में ये मूर्तियां किनारों पर आ जाती हैं और फिर जेसीबी इत्यादि की मदद से इन्हें हटाया जाता है। प्रेमानंद महाराज ने कहा कि जिसे आप इतने दिन प्यार से भोग लगाते हैं, तिलक करते हैं और पूजा करते हैं, उसे ऐसी स्थिति में डाल देना कहां से सही है?

गणपति विसर्जन का सही तरीका

प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि भगवान की मूर्ति का अपमान किसी भी तरीके से नहीं होना चाहिए। अगर किसी भगवान को विसर्जित करना है तो इसके लिए सम्मानजनक तरीका ही अपनाना चाहिए। प्रेमानंद महाराज ने गणपति के विसर्जन का सबसे सही तरीका भी बताया। उन्होंने कहा कि घर में ही तालाब या कुंड जैसा कुछ बना लेना चाहिए और इसी में गणपति का विसर्जन करना चाहिए। ऐसा करने से ना जेसीबी से मूर्ति उठवाई जाएगी और ना ही मूर्ति पर कचरा इत्यादि इकट्ठा होगा। साथ ही उन्होंने ये भी बोला कि अगर तालाब ना बन पाए तो ऐसी स्थिति में जमीन में गड्ढा बनाकर ही इसमें मूर्ति का विसर्जन कर देना चाहिए।(एजेंसी)