कृत्रिम त्वचा से चार घंटे में 90% तक घाव भरने में सफलता!

लंदन : वैज्ञानिकों ने एक विशेष हाइड्रोजेल विकसित किया है, जो इंसानी त्वचा की तरह व्यवहार करता है और कटे-फटे घावों को तेजी से भरने में सक्षम है। शोधकर्ताओं का दावा है कि यह हाइड्रोजेल चार घंटे में 90 प्रतिशत तक घाव को भर सकता है और 24 घंटे में पूरी तरह से स्वस्थ त्वचा में बदल सकता है।

कृत्रिम त्वचा से चार घंटे में 90% तक घाव भरने में सफलता!

लंदन : वैज्ञानिकों ने एक विशेष हाइड्रोजेल विकसित किया है, जो इंसानी त्वचा की तरह व्यवहार करता है और कटे-फटे घावों को तेजी से भरने में सक्षम है। शोधकर्ताओं का दावा है कि यह हाइड्रोजेल चार घंटे में 90 प्रतिशत तक घाव को भर सकता है और 24 घंटे में पूरी तरह से स्वस्थ त्वचा में बदल सकता है। यह खोज ऑल्टो विश्वविद्यालय और बेयरुथ विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा की गई है। इस हाइड्रोजेल की संरचना विशेष रूप से तैयार की गई है, जिसमें अल्ट्रा-पतली क्ले नैनोशीट्स और घने पॉलिमर नेटवर्क का मिश्रण है। 

यह न केवल त्वचा की कठोरता और लचीलेपन की नकल करता है, बल्कि इसमें स्व-उपचार (सेल्फ-हीलिंग) की असाधारण क्षमता भी होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यदि इसे किसी कटे या जले हुए स्थान पर लगाया जाए, तो यह त्वचा की तरह खुद को पुनः उत्पन्न कर लेता है। इसे बनाने की प्रक्रिया भी बेहद अनूठी है। वैज्ञानिकों ने मोनोमर पाउडर को नैनोशीट्स वाले पानी में मिलाया और इस मिश्रण को यूवी लैंप के नीचे रखा। यूवी विकिरण से अणु आपस में जुड़ गए और एक लचीली, त्वचा जैसी हाइड्रोजेल बन गई। इस हाइड्रोजेल में पॉलिमर की परतें इस तरह उलझी होती हैं कि यह खुद की मरम्मत करने में सक्षम हो जाती है।

इस नई तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह घावों को भरने के साथ-साथ संक्रमण को रोकने में भी कारगर हो सकती है। यह हाइड्रोजेल पानी से भरपूर है, इसलिए यह नमी बनाए रखता है और जल्दी सूखने से बचाता है। इसे घाव के आकार के अनुसार काटकर या ढालकर इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रयोगशाला परीक्षणों में यह पाया गया कि चाकू से काटे गए इस हाइड्रोजेल के टुकड़े केवल चार घंटे में 80-90 प्रतिशत तक जुड़ गए और 24 घंटे के भीतर पूरी तरह से ठीक हो गए। हालांकि, इसे चिकित्सा क्षेत्र में इस्तेमाल करने से पहले और परीक्षणों की आवश्यकता होगी।(एजेंसी)