अंतरिक्ष से पहला संदेश: शुभांशु शुक्ला ने तिरंगे संग रचा इतिहास, कहा मेरे कंधे पर मेरा तिरंगा है
नई दिल्ली : भारत के शुभांशु शुक्ला के साथ ही तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर एक्सिओम-4 मिशन, कैनेडी स्पेस सेंटर के कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भर चुका है. स्पेसक्राफ्ट ने ठीक दोपहर 12.01 बजे (भारतीय समयानुसार) उड़ान भरी. स्पेसक्राफ्ट के अंदर से शुभांशु शुक्ला ने पहला मैसेज दिया.

नई दिल्ली : भारत के शुभांशु शुक्ला के साथ ही तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर एक्सिओम-4 मिशन, कैनेडी स्पेस सेंटर के कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भर चुका है. स्पेसक्राफ्ट ने ठीक दोपहर 12.01 बजे (भारतीय समयानुसार) उड़ान भरी. स्पेसक्राफ्ट के अंदर से शुभांशु शुक्ला ने पहला मैसेज दिया. उन्होंने कहा कि नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियो, what a ride... 41 साल बाद हम वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं. और कमाल की राइड थी. इस समय हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से पृथ्वी के चारों तरफ घूम रहे हैं. मेरे कंधे पर मेरे साथ मेरा तिरंगा है, जो मुझे बता रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं, मैं आप सबके साथ हूं.
शुभांशु शुक्ला ने स्पेसक्राफ्ट के अंदर से कहा कि ये मेरी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक की जर्नी की शुरुआत नहीं है, ये भारत की ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम की शुरुआत है. और मैं चाहता हूं कि सभी देशवासी इस यात्रा का हिस्सा बनें. आपका भी सीना गर्व से चौड़ा होना चाहिए. आप भी उतना ही एक्साइटमेंट दिखाइए. आइए हम सब मिलकर भारत की इस ह्यूमन स्पेस जर्नी की शुरुआत करें. धन्यवाद, जय हिंद, जय भारत.
बता दें कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचने के बाद वे स्टेशन का दौरा करने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे और राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे. 28 घंटे की यात्रा के बाद अंतरिक्ष यान के गुरुवार शाम करीब 04:30 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से डॉक होने की उम्मीद है.
वायु योद्धा की अदम्य भावना से प्रेरित एक यात्राः इंडियन एयरफोर्स
शुभांशु शुक्ला का मिशन लॉन्च होने के बाद इंडियन एयरफोर्स ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए खुशी जाहिर की है. IAF ने X पर लिखा कि आसमान को जीतने से लेकर सितारों को छूने तक, भारतीय वायुसेना के वायु योद्धा की अदम्य भावना से प्रेरित एक यात्रा. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन पर रवाना हुए, जो देश के गौरव को धरती से परे ले जाएगा. IAF ने कहा कि यह भारत के लिए एक ऐसा क्षण है, जो स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा के मिशन के 41 साल बाद आया है, जिन्होंने पहली बार हमारे तिरंगे को धरती से परे ले जाया था. यह एक मिशन से कहीं बढ़कर है.
स्पेस स्टेशन तक पहुंचने में 28 घंटे लगेंगे
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पृथ्वी से करीब 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर 'कम पृथ्वी कक्षा' (Low Earth Orbit) में 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चक्कर लगा रहा है. ये एक चलता-फिरता लक्ष्य है, जिसके साथ अंतरिक्ष यान को सटीक रूप से मिलाना होता है. शुभांशु शुक्ला को ले जा रहा स्पेसएक्स का ड्रैगन अंतरिक्ष यान इस यात्रा में 28 घंटे लेगा. (एजेंसी)