गगन में भारतीय कदम: शुभांशु और तीन साथी एस्ट्रोनॉट्स का अंतरिक्ष मिशन शुरू

फ्लोरिडा : भारतीय गगनयात्री शुभांशु शुक्ला एक्सियम मिशन 4 के तहत आज 25 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हो गए। उनके साथ ही टीम के तीन अन्य सदस्य एस्ट्रोनॉट भी स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए हैं।

गगन में भारतीय कदम: शुभांशु और तीन साथी एस्ट्रोनॉट्स का अंतरिक्ष मिशन शुरू

छह बार टलने के बाद सफलतापूर्वक लांच हुआ मिशन

फ्लोरिडा : भारतीय गगनयात्री शुभांशु शुक्ला एक्सियम मिशन 4 के तहत आज 25 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हो गए। उनके साथ ही टीम के तीन अन्य सदस्य एस्ट्रोनॉट भी स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए हैं। यह मिशन फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से भारतीय समयानुसार बुधवार दोपहर करीब 12:00 बजे लॉन्च किया गया।

तमाम जाचों और तैयारियों के साथ ही स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में सवार हो सभी एस्ट्रोनॉट ने उड़ान भरी। मिशन के तहत बताया गया कि ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट लगभग 28.5 घंटे के सफर के बाद 26 जून को शाम 04:30 बजे आईएसएस से जुड़ेगा। भारत के लिए यह दिन अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में ऐतिहासिक है।

वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने 25 जून को स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के ज़रिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भरी है। वे नासा और इसरो के साझा समझौते के तहत चुने गए। शुभांशु अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और आईएसएस पर जाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं।

41 वर्षों बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में

शुभांशु से पहले वर्ष 1984 में राकेश शर्मा सोवियत संघ के मिशन के तहत अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले व्यक्ति थे। इसके बाद अब 41 साल बाद किसी भारतीय नागरिक ने अंतरिक्ष में कदम रखने वाले मिशन का हिस्सा बना है। एक्सियम मिशन-4 के तहत शुभांशु समेत चार अंतरिक्षयात्रियों ने फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजे उड़ान भरी है। मिशन के तहत 26 जून शाम 4:30 बजे ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट आईएसएस से जुड़ेगा।

मिशन छह बार टला, अब मिली सफलता

  • 29 मई: ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट तैयार नहीं था, लॉन्च टला।
  • 8 जून: फाल्कन-9 रॉकेट तकनीकी रूप से तैयार नहीं था।
  • 10 जून: मौसम खराब होने के कारण टाल दिया गया।
  • 11 जून: ऑक्सीजन लीक के कारण स्थगित।
  • 19 जून: मौसम और क्रू की सेहत के कारण टला।
  • 22 जून: आईएसएस के सर्विस मॉड्यूल की जांच के लिए अतिरिक्त समय चाहिए था।

इन सभी बाधाओं के बावजूद आखिरकार 25 जून को दोपहर में मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च हो ही गया।(एजेंसी)