बस्तर में बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर ढाया कहर, कृषि विभाग करेगा सर्वे

CG News: बस्तर जिले में शनिवार को आई तेज आंधी और बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। चकवा, भोंड, कुड़कानार सहित लगभग 22 पंचायतों में मक्का सहित अन्य फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है। खेतों में खड़ी फसलें आंधी की मार से जमीन पर बिछ गई हैं,

बस्तर में बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर ढाया कहर, कृषि विभाग करेगा सर्वे

CG News: बस्तर जिले में शनिवार को आई तेज आंधी और बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। चकवा, भोंड, कुड़कानार सहित लगभग 22 पंचायतों में मक्का सहित अन्य फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है। खेतों में खड़ी फसलें आंधी की मार से जमीन पर बिछ गई हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है।

फसलों के नुकसान की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन ने तत्काल पटवारी और कृषि विभाग की संयुक्त टीम को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा है। टीम ने गांवों में जाकर नुकसान का मुआयना कर रही है और प्रभावित किसानों से जानकारी जुटाई जा रही है। प्रशासन ने शीघ्र सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं, ताकि राहत कार्यों की प्रक्रिया आरंभ की जा सके।

संकट में घिरे किसान, रोज़गार पर भी खतरा

तूफान से बर्बाद हुई मक्का की फसल ने किसानों के समक्ष जीवनयापन का संकट खड़ा कर दिया है। अधिकतर किसान पहले से ही खाद, बीज और कीटनाशकों के लिए कर्ज ले चुके हैं। अब फसल बर्बादी के बाद उनके पास न तो अगली बुआई के संसाधन हैं और न ही कर्ज चुकाने की क्षमता।

जनप्रतिनिधि ने जताई चिंता, मांगा विशेष पैकेज

जनपद सदस्य हेमराज बघेल ने इस स्थिति को गंभीर बताते हुए राज्य सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग की है। उन्होंने कृषि मंत्री रामविचार नेताम से आग्रह किया है कि वे स्वयं बस्तर के इन प्रभावित गांवों का दौरा करें और किसानों की समस्याओं को प्रत्यक्ष रूप से समझें।बघेल ने कहा कि किसान पहले ही पानी की कमी से परेशान थे, अब तूफान और बारिश ने उनकी बची-खुची उमीदें भी तोड़ दी हैं। सरकार को चाहिए कि फसल बीमा योजना, आपदा राहत कोष और विशेष सहायता अनुदान जैसी योजनाओं के तहत किसानों को तत्काल राहत दी जाए। यदि एक सप्ताह के भीतर सर्वे और सहायता शुरू नहीं हुई, तो किसान जिला मुयालय में धरना-प्रदर्शन करेंगे। (एजेंसी)