टाइटेनियम कृत्रिम हृदय ने रचा इतिहास, मरीज 100 दिनों तक जीवित रहा
सिडनी : टाइटेनियम से बने कृत्रिम हृदय के सहारे एक 40 साल का व्यक्ति 100 दिनों तक जीवित रहा। यह घटना ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर के एक अस्पताल की है। अस्पताल द्वारा इस व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी गई है, लेकिन बताया जा रहा है कि वह गंभीर हृदय विफलता से जूझ रहा था। सिडनी के सेंट विंसेंट अस्पताल में नवंबर 2023 में हुए

सिडनी : टाइटेनियम से बने कृत्रिम हृदय के सहारे एक 40 साल का व्यक्ति 100 दिनों तक जीवित रहा। यह घटना ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर के एक अस्पताल की है। अस्पताल द्वारा इस व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी गई है, लेकिन बताया जा रहा है कि वह गंभीर हृदय विफलता से जूझ रहा था। सिडनी के सेंट विंसेंट अस्पताल में नवंबर 2023 में हुए एक जटिल ऑपरेशन के दौरान उसे बीवाकोर टोटल आर्टिफिशियल हार्ट प्रत्यारोपित किया गया।
यह एक विशेष प्रकार का कृत्रिम हृदय है, जो शरीर में रक्त संचार बनाए रखने के लिए हृदय के दोनों निलयों (वेंट्रिकल्स) को पूरी तरह से बदल सकता है। यह तकनीक तब तक उसे जीवन प्रदान करती रही जब तक कि उसे एक उपयुक्त डोनर हृदय नहीं मिल गया। सिडनी के सेंट विंसेंट अस्पताल, मोनाश यूनिवर्सिटी और बीवाकोर जो इस कृत्रिम हृदय को विकसित करने वाली अमेरिकी-ऑस्ट्रेलियाई कंपनी है, ने अपने बयान में कहा कि मरीज की स्थिति स्थिर है और वह तेजी से ठीक हो रहा है।
इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर सर्जरी करने वाले कार्डियोथोरेसिक और ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. पॉल जांस्ज़ ने इसे “गेम-चेंजर” करार दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कृत्रिम हृदय भविष्य में लाखों हृदय रोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान बन सकता है। बीवाकोर कृत्रिम हृदय की सबसे अनूठी विशेषता यह है कि यह मैग्नेटिक लेविटेशन तकनीक का उपयोग करता है, जो हाई-स्पीड ट्रेनों में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक के समान है। इसमें केवल एक ही गतिशील भाग होता है एक घूमने वाला रोटर, जिसे चुंबकों की मदद से संतुलित किया जाता है।
यह पारंपरिक कृत्रिम हृदयों की तुलना में अधिक टिकाऊ और प्रभावी माना जा रहा है क्योंकि इसमें कोई वाल्व या मैकेनिकल बियरिंग नहीं होते। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए उपयुक्त है और एक स्वस्थ व्यक्ति के व्यायाम स्तर के अनुसार पर्याप्त रक्त प्रवाह प्रदान करने में सक्षम है। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा जुलाई से नवंबर 2023 के बीच अमेरिका में पांच मरीजों पर इस कृत्रिम हृदय का परीक्षण किया गया। हालांकि, यह अभी भी व्यापक स्तर पर उपलब्ध नहीं है।(एजेंसी)