आर्थिक नहीं, अब प्रतिष्ठा की जंग बन चुका है अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर

वॉशिंगटन/बीजिंग : चीन और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ वॉर पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द बन गया है। अब चीन ने अमेरिका पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। ऐसे में अब अमेरिका से आने वाले सामान पर चीन 125 प्रतिशत तक टैक्स वसूलेगा। पहले चीन ने इस टैरिफ को 84 प्रतिशत तक बढ़ाया था। 125 प्रतिशत टैरिफ का प्रावधान 12 अप्रैल से लागू होगा।

आर्थिक नहीं, अब प्रतिष्ठा की जंग बन चुका है अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर

अब चीन ने अमेरिका पर लगाया 125 प्रतिशत टैरिफ..

.ट्रंप जिद्दी तो जिनपिंग भी झुकने को तैयार नहीं

खतरनाक राह पर ट्रेड वार

वॉशिंगटन/बीजिंग : चीन और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ वॉर पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द बन गया है। अब चीन ने अमेरिका पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। ऐसे में अब अमेरिका से आने वाले सामान पर चीन 125 प्रतिशत तक टैक्स वसूलेगा। पहले चीन ने इस टैरिफ को 84 प्रतिशत तक बढ़ाया था। 125 प्रतिशत टैरिफ का प्रावधान 12 अप्रैल से लागू होगा। चीन के इस कदम से साफ है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से बढ़ाए गए टैक्स का मुंहतोड़ जवाब देने का प्लान बनाया गया है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से चीन के सामान पर लगाए गए नए टैरिफ का आंकड़ा 125 प्रतिशत नहीं 145 प्रतिशत हो गया है।

अमेरिका और चीन के बीच का टैरिफ वॉर चरम पर पहुंच गया है। राष्ट्रपति ट्रंप टैरिफ पर 70 से अधिक देशों को 90 दिनों की राहत दे चुके हैं लेकिन चीन को बड़ा झटका दिया है। चीन पर ट्रंप ने कुल 145 फीसदी टैरिफ लगाया है। अमेरिका के 145 प्रतिशत टैरिफ के जवाब में अब चीन ने 125 प्रतिशत टैरिफ लगाया दिया है। ये शनिवार से लागू होगा। वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका से बढ़ते टैरिफ विवाद के बीच पहली बार बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चीन किसी से डरता नहीं है।

पिछले 70 साल में हुआ चीन का विकास कड़ी मेहनत और खुद पर निर्भर रहने का नतीजा है। इन सबके बीच ट्रंप को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के फोन करने की उम्मीद है। व्हाइट हाउस का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप से टैरिफ पर बातचीत के लिए दर्जनभर से ज्यादा देश संपर्क में हैं। आगामी हफ्तों में ट्रंप के साथ कई देशों के प्रतिनिधियों की बातचीत और मीटिंग्स हो सकती है। लेकिन इन देशों में चीन शामिल नहीं है। व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि टैरिफ को लेकर अमेरिका किसी भी सूरत में बातचीत की पहल नहीं करेगा।

चीन को ही इसकी पहल करनी होगी। ट्रंप ने अपनी टीम को बताया है कि चीन ही इस दिशा में पहला कदम उठाएगा। सूत्रों का कहना है कि लेकिन टैरिफ को लेकर इस संभावित बातचीत में एक बड़ी अड़चन चीन का रुख है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग किसी भी हाल में कमजोर दिखना नहीं चाहते। इसलिए वह पहला कदम उठाकर कमजोर दिखने से बचना चाहते हैं। ट्रंप इससे पहले भी कह चुके हैं कि चीन हमसे डील करना चाहता है लेकिन उसे नहीं पता है कि यह डील कैसे शुरू की जाए।

चीन कभी दूसरों के दान के भरोसे नहीं रहा

जिनपिंग ने कहा कि चीन कभी दूसरों के दान के भरोसे नहीं रहा है। न ही कभी किसी की जबरदस्ती से डरा है। दुनिया कितनी भी क्यों न बदल जाए, चीन परेशान नहीं होगा। जिनपिंग ने कहा कि ट्रेड वॉर में कोई विजेता नहीं होता। दुनिया के खिलाफ जाने का मतलब खुद के खिलाफ जाना है। जिनपिंग ने यह बातें स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेज से मुलाकात के दौरान कहीं। सांचेज शुक्रवार को चीन दौरे पर पहुंचे हैं। सांचेज ट्रम्प के टैरिफ का ऐलान करने के बाद चीन जाने वाले पहले यूरोपीय नेता हैं। टैरिफ को लेकर सांचेज ने भी ट्रम्प की आलोचना की थी। उन्होंने 8 अप्रैल को कहा था कि ट्रम्प के टैरिफ की वजह से यूरोप नए बाजार तलाशने पर मजबूर होगा। इसके अलावा यूरोपीय देश और चीन दोनों अपने संबंधों को बेहतर करने पर विचार करेंगे।

जिनपिंग की तारीफ भी और...

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर भारी-भरकम टैरिफ लगा दिया है। दूसरी तरफ वह शी जिनपिंग की तारीफ भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दुनिया के सबसे स्मार्ट लोगों में से एक हैं। और हम यकीनन बहुत बेहतरीन डील करेंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि शी ऐसे शख्स हैं जिन्हें पता है कि आखिर क्या करना है। वह अपने मुल्क से प्यार करते हैं। हम यकीनन टैरिफ पर बात करेंगे। वहीं, जब अमेरिका के टैरिफ पर सवाल पूछा गया तो चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ही योंगकियान ने कहा कि चीन का रुख स्पष्ट और तर्कसंगत है।

अगर अमेरिका बात करना चाहता है तो हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं। लेकिन बातचीत आपसी सम्मान और समानता के आधार पर होनी चाहिए। अगर अमेरिका युद्ध ही चाहता है तो हम इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे। दबाव और धमकी चीन के साथ नहीं चलेगी। चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी टैरिफ की आलोचना करते हुए कहा है कि वह अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए ठोस और मजबूत कदम उठाएगा। बता दें कि अमेरिका के टैरिफ में छूट के फैसले से भारत समेत 75 देशों को फिलहाल राहत मिली है। इन देशों पर नई टैरिफ दरें लागू नहीं होंगी और उन्हें 90 दिनों की छूट दी गई है। इस अवधि में उन पर केवल 10 प्रतिशत शुल्क लगेगा। लेकिन अब तक चीन पर ट्रंप 145 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं।(एजेंसी)