विश्व क्षय दिवस : एक साल में 13 सौ से अधिक मामले

छत्तीसगढ़ संवाददाता बलौदाबाजार, 27 मार्च। प्रतिवर्ष पूरी दुनिया में 24 मार्च को विश्व क्षय दिवस मनाया जाता है। इसके माध्यम से लोगों को क्षय रोग के संबंध में जागरूक रहने की अपील के साथ-साथ बीमारी से बचाव और उसके उपचार के बारे में भी बताया जाता है। इस वर्ष भी जिले में क्षय रोग दिवस मनाया गया। जिसके तहत आरोग्य मंदिरों, प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आम जनता और चिकित्सा स्टाफ को टीबी मुक्त भारत बनाने की शपथ दिलाई गई। साथ ही नगरीय निकायों की सफाई गाडिय़ों के माध्यम से भी जन समुदाय को टीबी रोग के सम्बंध में माइकिंग के जरिये बताया गया। भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक देश से टीबी रोग के उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. राजेश कुमार अवस्थी के अनुसार टीबी एक संक्रामक रोग है जिसका जीवाणु रोगी व्यक्ति के खाँसने; छींकने से हवा के माध्यम से किसी स्वस्थ्य व्यक्ति में प्रवेश कर जाता है। बाद में यही रोग के रूप में दिखाई पड़ता है। दो हफ्ते से अधिक अवधि की खाँसी, शाम को पसीने के साथ हल्का बुखार,छाती में दर्द ,बलगम के साथ कभी कभी खून आना,भूख न लगना, वजन में कमी,गले में कोई गांठ होना। यह सब टीबी के लक्षण हो सकते हैं। फेफड़े सहित यह किसी भी अंग में हो सकता है। टीबी की पहचान बलगम की जांच, एक्सरे और आधुनिक नाट मशीनों से संभव है जिसकी सुविधा हमारे जिले में उपलब्ध है। जिला अस्पताल सहित हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नाट जाँच हो जाती है। जांच में पॉजिटिव पाए जाने पर डॉट्स का उपचार 6 से 8 महीने चलता है जिसके बाद मरीज पूरी तरह ठीक हो जाता है। जिले में वर्ष 2023 जनवरी से दिसम्बर की अवधि में कुल 22 हजार 4 सौ 72 लोगों की टीबी जाँच की गई, जिसमें से 1314 टीबी मरीज प्राप्त हुए। इसी प्रकार इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक कुल 232 टीबी के नए मरीज पाए गए हैं, जिनका उपचार जारी है। टीबी की जांच और इलाज पूरी तरह से नि:शुल्क है। मरीज को उपचार के दौरान प्रतिमाह 500 रुपये की निक्ष्य पोषण सहायता राशि भी सीधे खाते में दी जाती है। किसी भी स्थिति में दवाई बीच मे नहीं छोडऩी चाहिए अन्यथा जान भी जा सकती है या टीबी प्रतिरोधक टीबी में बदल सकती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर के अनुसार वर्ष 2025 तक टीबी रोग के उन्मूलन को ध्यान में रखते हुए देश में टीबी मुक्त पंचायते बनाने का प्रयास किया जा रहा है। वर्ष 2023 में बलौदा बाजार जिले में कुल 12 पंचायतें टीबी मुक्त पाई गईं हैं। इस पर और अधिक ध्यान केंद्रित किया जा रहा है ताकि यह संख्या बढ़ाई जा सके। बलौदाबाजार भाटापारा जिला वर्ष 2015 के आधार वर्ष से 2022 तक कुल टीबी केसों में 20 प्रतिशत की कमी भी कर चुका है जिसके लिये राष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक प्राप्त हुआ है। टीबी के मरीज को सामाजिक सहयोग हेतु कोई भी सक्षम व्यक्ति निक्ष्य मित्र बन के उन्हें अपनी ओर से पोषण आहार सामग्री का भी सहयोग कर सकता है। बीमारी के लक्षण प्रकट होने पर निकट के स्वास्थ्य केंद्र पर जरूर संपर्क करें।

विश्व क्षय दिवस : एक साल में 13 सौ से अधिक मामले
छत्तीसगढ़ संवाददाता बलौदाबाजार, 27 मार्च। प्रतिवर्ष पूरी दुनिया में 24 मार्च को विश्व क्षय दिवस मनाया जाता है। इसके माध्यम से लोगों को क्षय रोग के संबंध में जागरूक रहने की अपील के साथ-साथ बीमारी से बचाव और उसके उपचार के बारे में भी बताया जाता है। इस वर्ष भी जिले में क्षय रोग दिवस मनाया गया। जिसके तहत आरोग्य मंदिरों, प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आम जनता और चिकित्सा स्टाफ को टीबी मुक्त भारत बनाने की शपथ दिलाई गई। साथ ही नगरीय निकायों की सफाई गाडिय़ों के माध्यम से भी जन समुदाय को टीबी रोग के सम्बंध में माइकिंग के जरिये बताया गया। भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक देश से टीबी रोग के उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. राजेश कुमार अवस्थी के अनुसार टीबी एक संक्रामक रोग है जिसका जीवाणु रोगी व्यक्ति के खाँसने; छींकने से हवा के माध्यम से किसी स्वस्थ्य व्यक्ति में प्रवेश कर जाता है। बाद में यही रोग के रूप में दिखाई पड़ता है। दो हफ्ते से अधिक अवधि की खाँसी, शाम को पसीने के साथ हल्का बुखार,छाती में दर्द ,बलगम के साथ कभी कभी खून आना,भूख न लगना, वजन में कमी,गले में कोई गांठ होना। यह सब टीबी के लक्षण हो सकते हैं। फेफड़े सहित यह किसी भी अंग में हो सकता है। टीबी की पहचान बलगम की जांच, एक्सरे और आधुनिक नाट मशीनों से संभव है जिसकी सुविधा हमारे जिले में उपलब्ध है। जिला अस्पताल सहित हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नाट जाँच हो जाती है। जांच में पॉजिटिव पाए जाने पर डॉट्स का उपचार 6 से 8 महीने चलता है जिसके बाद मरीज पूरी तरह ठीक हो जाता है। जिले में वर्ष 2023 जनवरी से दिसम्बर की अवधि में कुल 22 हजार 4 सौ 72 लोगों की टीबी जाँच की गई, जिसमें से 1314 टीबी मरीज प्राप्त हुए। इसी प्रकार इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक कुल 232 टीबी के नए मरीज पाए गए हैं, जिनका उपचार जारी है। टीबी की जांच और इलाज पूरी तरह से नि:शुल्क है। मरीज को उपचार के दौरान प्रतिमाह 500 रुपये की निक्ष्य पोषण सहायता राशि भी सीधे खाते में दी जाती है। किसी भी स्थिति में दवाई बीच मे नहीं छोडऩी चाहिए अन्यथा जान भी जा सकती है या टीबी प्रतिरोधक टीबी में बदल सकती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर के अनुसार वर्ष 2025 तक टीबी रोग के उन्मूलन को ध्यान में रखते हुए देश में टीबी मुक्त पंचायते बनाने का प्रयास किया जा रहा है। वर्ष 2023 में बलौदा बाजार जिले में कुल 12 पंचायतें टीबी मुक्त पाई गईं हैं। इस पर और अधिक ध्यान केंद्रित किया जा रहा है ताकि यह संख्या बढ़ाई जा सके। बलौदाबाजार भाटापारा जिला वर्ष 2015 के आधार वर्ष से 2022 तक कुल टीबी केसों में 20 प्रतिशत की कमी भी कर चुका है जिसके लिये राष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक प्राप्त हुआ है। टीबी के मरीज को सामाजिक सहयोग हेतु कोई भी सक्षम व्यक्ति निक्ष्य मित्र बन के उन्हें अपनी ओर से पोषण आहार सामग्री का भी सहयोग कर सकता है। बीमारी के लक्षण प्रकट होने पर निकट के स्वास्थ्य केंद्र पर जरूर संपर्क करें।