डीएमसीएच में डिजिटल और मैनुअल तरीके से होता है एक्स-रे, मशीन में फूंक रही धूल

Health News : डीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. हरेंद्र कुमार बताते हैं कि डीएमसीएच में एक्स-रे समुचित रूप से चल रहा है. इमरजेंसी में डिजिटल एक्स-रे की मदद ली जा रही है. साथ ही मैन्युअल एक्स-रे भी काम कर रहा है.

डीएमसीएच में डिजिटल और मैनुअल तरीके से होता है एक्स-रे, मशीन में फूंक रही धूल

Health News : डीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. हरेंद्र कुमार बताते हैं कि डीएमसीएच में एक्स-रे समुचित रूप से चल रहा है. इमरजेंसी में डिजिटल एक्स-रे की मदद ली जा रही है. साथ ही मैन्युअल एक्स-रे भी काम कर रहा है. बिहार के दरभंगा स्थित डीएमसीएच उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार होता है. यहां दरभंगा से सटे आधा दर्जन से अधिक जिले के लोग इलाज कराने आते हैं.

इसके बावजूद बदइंतजामी का आलम यह है कि अस्पताल में एक्स-रे मशीन धूल फांक रही है. इसको देखने वाला कोई नहीं है. जबकि मरीजों को अस्पताल से बाहर जाकर एक्स-रे कराना पड़ता है और अधिक पैसे भी खर्च करना पड़ रहा है. इस अस्पताल में कई मैन्युअल मशीन भी खराब पड़ी हुई हैं. इन मशीनों को सर्विसिंग कराने की जरूरत है. हालांकि, डीएमसीएच के प्रबंधन का कहना है कि डिजिटल एक्स-रे मशीन से काम लिया जा रहा है.

दरभंगा डीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. हरेंद्र कुमार बताते हैं कि डीएमसीएच में एक्स-रे समुचित रूप से चल रहा है. इमरजेंसी में डिजिटल एक्स-रे की मदद ली जा रही है. साथ ही मैन्युअल एक्स-रे भी काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि सुपर स्पेशलिटी बिल्डिंग में डिजिटल एक्स-रे चल रही है. खराब पड़ी एक्स-रे मशीन को लेकर बताया कि मशीनरी सामान है, कभी भी ब्रेकडाउन हो सकता है. जिसके चलते कार्य बाधित हो जाता है. सभी को ठीक करा लिया जाता है, क्योंकि अभी डिजिटल का ही दौर चल रहा है और यहां आने वाले मरीजों को भी इस पर भरोसा है. लेकिन, अस्पताल प्रबंधन डिजिटल मशीन के लोड को कम करने के लिए मैन्युअल एक्स-रे मशीन से भी काम ले रहा है. जैसे हड्डियों का अगर एक्स-रे लेना होता है तो उसमें ज्यादा कुछ नहीं होता है. इसमें मैन्युअल से भी एक्स-रे हो जाता है और इसमें मेंटेनेंस का भी खर्च नहीं के बराबर होता है.

बैकअप में रहते हैं एक्स-रे के तीन से चार यूनिट

दरभंगा डीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. हरेंद्र कुमार बताते हैं कि जब कोई एक्स-रे खराब होता है तो उसका बैकअप भी रहता है. हमेशा तीन से चार यूनिट फंक्शन रहता है. एक खराब हो जाने पर दूसरे में ट्रांसफर कर दिया जाता है. हालांकि, जब एक्स-रे मशीन खराब हो जाती है तो मरीजों को गलत जानकारी दे दी जाती है और ग्रामीण इलाके लोग जानकारी के अभाव में बाहर एक्स-रे कराने चले जाते हैं. जहां उनसे अधिक पैसे ले लिए जाते हैं. डीएमसीएच तो पहल कर रही है, लेकिन ठोस पहल नहीं हो पा रही है. डीएमसीएच के आस-पास दर्जनों एक्स रे की दुकान चल रही है. उपाधीक्षक ने बताया कि सभी जगह डीएमसीएच परिसर में बोर्ड भी लगा हुआ है और लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है कि यहां जांच की सभी सुविधा उपलब्ध है. बाहर पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है.(एजेंसी)