दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, सीएए देश के लिए खतरनाम है...

नई दिल्‍ली : केंद्र सरकार द्वारा सीएए लागू करने को लेकर देश में सियासी पारा गरमा गया है। इसे लेकर अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और कहा, कि सीएए देश के लिए खतरनाम है। जब तीन देशों से करोड़ों लोग आएंगे तो देश में रोजगार की समस्या और विकराल रुप धारण कर लेगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, सीएए देश के लिए खतरनाम है...

नई दिल्‍ली : केंद्र सरकार द्वारा सीएए लागू करने को लेकर देश में सियासी पारा गरमा गया है। इसे लेकर अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और कहा, कि सीएए देश के लिए खतरनाम है। जब तीन देशों से करोड़ों लोग आएंगे तो देश में रोजगार की समस्या और विकराल रुप धारण कर लेगी। उन्होंने कहा कि हमारे युवा रोजगार के लिए लाठियां खा रहे हैं और सरकार रोजगार का समाधान खोजने की बजाय सीएए की बात कर रही है।

केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम-2019 की अधिसूचना जारी कर देश में एक तरह से सियासी पारा बढ़ाने का कार्य कर दिया है। इसी के चलते दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का कहना है कि सीएए लागू होने के बाद 3 देशों से करोड़ों लोग भारत आएंगे। ऐसे में आखिर उन्हें रोजगार कौन देगा? यह स्थिति देश के लिए खतरनाक है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि सीएए प्रावधानों के मुताबिक बांग्‍लादेश, पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान में हिंसा या फिर किसी अन्‍य तरीके से वहां के अल्‍पसंख्‍यक यदि बेघर होते हैं तो पूरी छानबीन व जांच के बाद उन्‍हें भारत की नागरिकता दी जा सकती है। इसमें इन तीनों देशों में रहने वाले हिन्‍दू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी जैसे अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के व्यक्तियों को यह सुविधा मिल सकेगी। इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए उन्होंने कहा कि इधर देश का युवा रोजगार के लिए लाठियां खा रहा है और सरकार रोजगार का समाधान खोजने की बजाय सीएए में उलझी हुई है। सीएम केजरीवाल ने कहा, कि केंद्र सरकार हमारे बच्चों को तो रोजगार नहीं दे रही है, लेकिन पाकिस्‍तान से आने वालों को रोजगार देने का वादा जरुर कर रही है।

सीएए से उत्तपन्न होने वाली गंभीर समस्या की ओर इशारा करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा, कि पाकिस्‍तान, अफगानिस्‍तान और बांग्‍लादेश वैसे भी गरीब देश हैं और जैसे ही भारत इनके अल्पसंख्यक नागरिकों के लिए अपने दरवाजे भारत खोलेगा तो भारी भीड़ देश में आ जाएगी। ढाई करोड़ में से यदि डेढ़ करोड़ लोग ही भारत आ गए तो उन्हें रोजगार कौन देगा?

सीएए गंदी राजनीति वाला खेल

भाजपा का पूरा खेल गंदी राजनीति का ही हिस्सा है। सीएम केजरीवाल ने दावा किया, इन लोगों को लाया गया और चुन-चुन कर उन इलाकों में बसाया गया, जहां भाजपा का वोट कम है। ऐसा ही लोगों का कहना है।’ उन्होंने कहा, कि हरियाणा सरकार रोजगार के अभाव में बच्चों को इजराइल भेजती है और पाकिस्तानियों को भारत लाकर रोजगार देना चाह रहे हो। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक देश पड़ोसी देशों को रोकने के लिए अपनी सीमा की दीवार मजबूत करता है, लेकिन भाजपा इन देशों के गरीबों को लाने की कोशिश में लगी हुई है।

भाजपा की नीतियों से तंग आए व्यापारियों ने देश छोड़ा

सीएम केजरीवाल का कहना है कि पिछले 10 सालों में 11 लाख से ज्यादा व्यापारी और उद्योगपति भाजपा की नीतियों से तंग आकर भारत छोड़कर चले गए हैं। ये लोग रोजगार देते थे। लाना ही है तो इन्हें लाएं, ताकि युवाओं को वो रोजगार दे सकें।

क्या कहता है सीएए

नागरिकता संशोधन अधिनियम-2019 यानी सीएए को केंद्र सरकार ने सोमवार को अधिसूचित कर दिया है। सीएए के मुताबिक अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता दी जा सकेगी। 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई लोगों को भारतीय नागरिकता देना शुरू किया जा सकेगा। खास बात यह है कि सीएए से मुस्लिम समुदाय को शामिल नहीं किए जाने को लेकर अनेक राजनीतिक दलों और अनेक संगठनों ने विरोध जताते हुए सु्प्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।(एजेंसी)