उच्च शिक्षा में उल्लेखनीय सफलता हासिल कर मानु ने प्रमुख शिक्षण संस्थानों को पीछे छोड़ दिया हैः एम.डब्ल्यू.अंसारी, आईपीएस, सेवानिवृत्त डीजी

भोपाल : मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय जाहिर तौर पर उर्दू शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यह संस्थान राजनीति विज्ञान, इंजीनियरिंग, कौशल विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स, एम.एड., बी.फार्मा, पॉलिटेक्निक, ऑटोमोबाइल, विनिर्माण में पाठ्यक्रम प्रदान करता है।

उच्च शिक्षा में उल्लेखनीय सफलता हासिल कर मानु ने प्रमुख शिक्षण संस्थानों को पीछे छोड़ दिया हैः एम.डब्ल्यू.अंसारी, आईपीएस, सेवानिवृत्त डीजी

भोपाल : मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय जाहिर तौर पर उर्दू शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यह संस्थान राजनीति विज्ञान, इंजीनियरिंग, कौशल विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स, एम.एड., बी.फार्मा, पॉलिटेक्निक, ऑटोमोबाइल, विनिर्माण में पाठ्यक्रम प्रदान करता है। , अस्पताल प्रबंधन, होटल प्रबंधन, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और उच्च शिक्षा में महत्वपूर्ण सफलता हासिल करने के बाद, मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय गरीब और मेहनती छात्रों की नजर में पहली पसंद बन गया है। 

मानक और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को पूरा करने के बाद, छात्र बहुत कम समय में अपना करियर बना रहे हैं। गरीब और मेहनतकश वर्ग के लिए यह संस्था वरदान साबित हो रही है। उपरोक्त विचार श्री प्रोफेसर वनाजा एम., डीन स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग मानु, हैदराबाद द्वारा व्यक्त किये गये। आप मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, कॉलेज ऑफ टीचर एजुकेशन, भोपाल द्वारा आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

मानु भोपाल कैंपस के मल्टीपरपज हॉल में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व डीजीपी आईपीएस एसएमडब्ल्यू अंसारी ने इज़हारे ख्याल करते हुए मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी की शैक्षणिक गतिविधियों और सेवाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। आप ने कहा कि शैक्षिक कार्यक्रम और सेवाएँ विकसित करें जो समुदाय की पहचानी गई आवश्यकताओं को सीधे संबोधित करें। समुदाय के भीतर विविध हितों और जनसांख्यिकी को पूरा करने के लिए पाठ्यक्रम की पेशकश, कार्यशालाओं और कार्यक्रमों को अनुकूलित करें। परिसर से बाहर की गतिविधियों और पहलों के लिए योजना और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में समुदाय के सदस्यों को शामिल करें। 

सुनिश्चित करें कि ऑफ-कैंपस केंद्र सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील और समावेशी स्थान हैं जो समुदाय की विविधता का सम्मान करते हैं। स्थानीय संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं का जश्न मनाने वाले कार्यक्रम और संसाधन पेश करें। प्रोग्राम में बड़ी संख्या में लोग एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे। विशेष रूप से प्रो नौमान खान, पूर्व डीजीपी एमडब्लू अंसारी, माननीय अहमद हुसैन, प्रो नौशाद हुसैन, डॉ भानु प्रताप प्रीतम, प्रो आसिफा यासीन, प्रो मुर्तजा रिजवी, माननीय नितिन सक्सेना, डॉ उषा खरे एवं मा. कुमुद सिंह आदि मौजूद रहे।