उस जमाने की सबसे महंगी फिल्म थी मुगले आज़म

Article : हिंदी सिनेमा की सबसे ऐतिहासिक और आइकॉनिक मूवी मुगल-ए-आजम अपने दौर की सबसे बड़ी और महंगी फिल्मों में शुमार की जाती है. 5 अगस्त 1960 को रिलीज हुई दिलीप कुमार, मधुबाला, पृथ्वीराज कपूर स्टारर इस प्रेम गाथा को के. आसिफ ने बनाया था. इस मूवी में सलीम और अनारकली की प्रेम कहानी दिखाई गई थी.

उस जमाने की सबसे महंगी फिल्म थी मुगले आज़म

16 साल में बनी मुगल-ए-आजम, पानी की तरह बहा पैसा, 1 गाने पर हुऐ थे लाखों खर्च।

Article : हिंदी सिनेमा की सबसे ऐतिहासिक और आइकॉनिक मूवी मुगल-ए-आजम अपने दौर की सबसे बड़ी और महंगी फिल्मों में शुमार की जाती है. 5 अगस्त 1960 को रिलीज हुई दिलीप कुमार, मधुबाला, पृथ्वीराज कपूर स्टारर इस प्रेम गाथा को के. आसिफ ने बनाया था. इस मूवी में सलीम और अनारकली की प्रेम कहानी दिखाई गई थी. लेकिन मेकर्स के लिए ये फिल्म पर्दे पर लाना इतना बेहद संघर्षों भरा रहा. एक गाने पर लाखों खर्च किए गए. जानते हैं मुगल-ए-आजम से जुड़े दिलचस्प पहलुओं के बारे में।

मुगल-ए-आजम बनने की शुरुआत 1944 में हुई थी. इसकी शूटिंग 1946 में शुरू हुई थी. तब चंद्र मोहन को अकबर, डीके सप्रू को सलीम और नरगिस को अनारकली का रोल मिला था. मूवी को कई बार संकट झेलना पड़ा, जिसकी वजह से इसकी मेकिंग को बार बार टेंपरेरी रूप से स्थगित करना पड़ा।

बीच में फाइनेंसियल दिक्कतों के चलते प्रोडक्शन में देरी हुई. प्रिंसिपल फोटोग्राफी शुरू होने से पहले एक फाइनेंसियर ने प्रोजेक्ट छोड़ दिया था. इसके बाद फिल्म की पूरी स्टारकास्ट चेंज हो गई थी।

इस बीच खबरें ये भी आईं कि मुगल-ए-आजम अब नहीं बन रही. ये बात जानने के बाद स्क्रिप्टराइटर- डायरेक्टर कमाल अमरोही ने इसी सब्जेक्ट पर मूवी बनाने की प्लानिंग की. लेकिन जब मुगल-ए-आजम के डायरेक्टर ने उनसे बातचीत की और प्रोजेक्ट के जारी रहने की जानकारी दी तो कमाल अमरोही ने अपने प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।

उस दौर में मुगल-ए-आजम सबसे ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज होने वाली फिल्म थी. इसने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के रिकॉर्ड तोड़े थे. ये 15 सालों तक भारत की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म रही थी।

मुगल-ए-आजम पर अवॉर्ड्स की भी बारिश हुई. इसने 1 नेशनल, 3 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स जीते थे. मुगल-ए-आजम पहली ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म थी जिसे कलर फॉर्मेट दोबारा से सिनेमाघरों में रिलीज किया गया. मूवी का कलर वर्जन नवंबर 2004 में रिलीज हुआ. सालों बाद भी मूवी को शानदार रिस्पॉन्स मिला था।

मुगल-ए-आजम फिल्म की लागत करीबन 1.5 करोड़ रुपये बताई जाती है. मुगल-ए-आजम के डायरेक्टर आसिफ ने पहले प्रिंस सलीम के रोल के लिए दिलीप कुमार को रिजेक्ट किया था. मधुबाला का रोल पहले सुरैया को ऑफर हुआ था।

शूटिंग के दौरान मधुबाला congenital heart disease से जूझ रही थीं. जिसकी वजह से वे सेट पर बेहोश भी हो गई थीं. जेल का सीक्वेंस फिल्माते वक्त मधुबाला को स्किन प्रॉब्लम भी हो गई थी. तमाम परेशानियों के बावजूद मधुबाला ये फिल्म पूरी करना चाहती थीं।

गाना 'प्यार किया तो डरना क्या' को मोहन स्टूडियो में शूट किया गया था. इसके लिए लाहौर किले के शीश महल जैसा हूबहू सेट लगाया था. इसकी लागत 15 लाख के करीब बताई जाती है. जितनी भारी भरकम रकम मेकर्स ने एक गाने पर खर्च की, उतने में उस दौर में एक पूरी फिल्म बन जाया करती थी।

इस गाने के पीछे की अलग कहानी भी है. कहा जाता है कि 105 गानों को रिजेक्ट करने के बाद नौशाद ने ये गाना चुना था. गाने को लता मंगेशकर ने स्टूडियो के बाथरूम में जाकर गाया था, क्योंकि रिकॉर्डिंग स्टूडियो में उन्हें वो धुन या गूंज नहीं मिल पा रही थी. मूवी के एक और गाने 'ऐ मोहब्बत जिंदाबाद' के लिए मोहम्मद रफी के साथ 100 गायकों से कोरस गवाया गया था।