History News : "अकबर दा ग्रेट मुग़ल" किताब में लिखते हैं जगत गोसाईं, जिन्हें मानवती बाई के नाम जाना जाता है

History News : इतिहासकार विंसेंट स्मिथ अपनी किताब "अकबर दा ग्रेट मुग़ल" में लिखते हैं कि जगत गोसाईं, जिन्हें मानवती बाई के नाम से भी जाना जाता है, वो मुगल बादशाह जहाँगीर की दूसरी बेगम और पादशाह बेगम थीं। जहाँगीर की तो कई बेगमें थीं, लेकिन खासकर उनके हुकूमत के शुरुआती दौर में जगत गोसाईं का दरबार में ऊंचा ओहदा (पद) था।

History News : "अकबर दा ग्रेट मुग़ल" किताब में लिखते हैं जगत गोसाईं, जिन्हें मानवती बाई के नाम जाना जाता है

History News : इतिहासकार विंसेंट स्मिथ अपनी किताब "अकबर दा ग्रेट मुग़ल" में लिखते हैं कि जगत गोसाईं, जिन्हें मानवती बाई के नाम से भी जाना जाता है, वो मुगल बादशाह जहाँगीर की दूसरी बेगम और पादशाह बेगम थीं। जहाँगीर की तो कई बेगमें थीं, लेकिन खासकर उनके हुकूमत के शुरुआती दौर में जगत गोसाईं का दरबार में ऊंचा ओहदा (पद) था।

स्मिथ साहब ये भी बताते हैं कि जगत गोसाईं मारवाड़ (आज का जोधपुर) की रजपूत शहज़ादी थीं। उनके वालिद (पिता) राणा उदय सिंह थे, जो मारवाड़ के राठौड़ राजा थे। ये शादी दरअसल एक रणनीतिक चाल थी, जिससे मुगलों और राजपूतों के बीच में जोरदार रिश्ते बन सकें। ये दोनों उस वक्त की ताकतवर सल्तनतें थीं।

विंसेंट स्मिथ के मुताबिक, जगत गोसाईं ने जहाँगीर को एक बेटा दिया, जिसका नाम शहज़ादा खुर्रम था। वही शहज़ादा खुर्रम बाद में शाहजहाँ बने, जिन्हें हम मुगल बादशाह के तौर पर जानते हैं और जिन्होंने ताजमहल बनवाया था। जहाँगीर की एक और बेगम थीं, नूरजहाँ. उनके आने के बाद जगत गोसाईं की बादशाह के पसंदीदा होने की जगह कम हो गई। नूरजहाँ ने बाद में जहाँगीर का दिल जीत लिया था।
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