संजय दत्त राज कुमार को मारने वाले थे, पिता सुनील दत्त के कारण नहीं उठाया हाथ...

Bollywood News : संजय दत्त राज कुमार को पीटने ही वाले थे। लेकिन तभी वहां सुनील दत्त पहुंच गए। पिता को वहां देखकर संजय दत्त खामोश रहे। उन्होंने कुछ नहीं कहा। अगर इस फिल्म के डायरेक्टर प्रकाश मेहरा सूझ बूझ से काम ना लेते

संजय दत्त राज कुमार को मारने वाले थे, पिता सुनील दत्त के कारण नहीं उठाया हाथ...

Bollywood News : संजय दत्त राज कुमार को पीटने ही वाले थे। लेकिन तभी वहां सुनील दत्त पहुंच गए। पिता को वहां देखकर संजय दत्त खामोश रहे। उन्होंने कुछ नहीं कहा। अगर इस फिल्म के डायरेक्टर प्रकाश मेहरा सूझ बूझ से काम ना लेते तो शायद उस दिन संजय दत्त व राज कुमार के बीच तगड़ी लड़ाई हो जाती। कहानी कुछ यूं है कि प्रकाश मेहरा ने इस फिल्म में जब संजय दत्त को कास्ट किया तो उन्होंने संजय दत्त को कई बढ़िया-बढ़िया डायलॉग्स दिए। ये बात जब राजकुमार को पता चली तो उन्होंने प्रकाश मेहरा पर दबाव बनाया कि संजय दत्त को दिए गए डायलॉग्स में से कुछ उन्हें दे दिए जाएं। संजय का स्क्रीन टाइम भी कुछ कम किया जाए।

चूंकि राज कुमार बड़े स्टार थे और सजंय दत्त उनके सामने काफी जूनियर थे तो प्रकाश मेहरा राज कुमार की बात टाल नहीं पाए। उन्होंने संजय दत्त से ये बात छिपाने की कोशिश तो की थी। लेकिन संजय दत्त को किसी तरह पता चल ही गया कि राज कुमार ने उनके साथ क्या किया। संजय दत्त को बड़ा गुस्सा आया। कहा तो ये जाता है कि संजय दत्त गुस्से से आग-बबूला हो गए थे। उन्होंने राज कुमार को पीटने की कसम खा ली। उन्होंने कहा कि अगर राज कुमार उन्हें सेट पर दिखे तो वो उन्हें पीट देंगे। प्रकाश मेहरा को जब पता चला कि संजय दत्त राज कुमार के साथ हाथापाई करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो उन्होंने दत्त साहब को फोन कर दिया।

प्रकाश मेहरा ने सुनील दत्त जी को फोन पूरा मामला बताया। उन्होंने दत्त साहब से रिक्वेस्ट की कि आप सेट पर आ जाइएगा। अगले दिन संजय दत्त जब सेट पर पहुंचे तो वो पूरे मूड में थे कि राज कुमार को उन्हें पीटना है। मगर जब उन्होंने देखा कि वहां तो उनके पिता सुनील दत्त पहले ही मौजूद हैं तो वो शांत रह गए। सुनील दत्त ने संजय दत्त व राज कुमार को बुलाया और दोनों की सुलह कराई। और यूं उस दिन इस फिल्म के सेट पर एक अप्रिय घटना होने से बच गई। इस फिल्म का नाम है मोहब्बत के दुश्मन। 36 साल पहले आज ही के दिन यानि 20 मई 1988 को ये फिल्म रिलीज़ हुई थी।

इस फिल्म में हेमा मालिनी जी भी थी। जबकी संजय दत्त के अपोज़िट थी एक्ट्रेस फराह नाज़। जबकी अमरीश पुरी जी ने इस फिल्म में मुख्य विलेन का किरदार निभाया था। फिल्म में प्राण, दीना पाठक व ओम प्रकाश जी भी अहम किरदारों में थे। फिल्म में कुल छह गीत थे जिन्हें कल्याणजी-आनंदजी ने कंपोज़ किया था। फिल्म में किशोर दा का गाया एक गीत भी है।

जबकी किशोर दा तब तक इस दुनिया से जा चुके थे। उस गीत के बोल थे अल्लाह करे मौला करे। ये फिल्म प्रकाश मेहरा ने 1985 में अनाउंस की थी। उस वक्त अमन विर्क और मंदाकिनी इस फिल्म के हीरो-हीरोइन थे। लेकिन बाद में प्रकाश मेहरा ने उन दोनों को हटाकर संजय दत्त व फराह खान को कास्ट किया था। #mohabbatkedushman #SanjayDutt #RaajKumar #PrakashMehra