सावधान! शरीर को बीमारियों का घर न बना दे ज्यादा मोमोज खाना, जानें बड़े नुकसान...
Momos Health Side Effects : आजकल युवाओं में फास्टफूड का शौक खूब चढ़ा है. ऐसे ही तमाम फास्टफूड हैं, जो गली-मोहल्लों में आसानी से मिल जाती हैं. मोमोज यानी ‘मोमो’ इनमें से एक है. जी हां,
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Momos Health Side Effects : आजकल युवाओं में फास्टफूड का शौक खूब चढ़ा है. ऐसे ही तमाम फास्टफूड हैं, जो गली-मोहल्लों में आसानी से मिल जाती हैं. मोमोज यानी ‘मोमो’ इनमें से एक है. जी हां, मोमोज पसंदीदा स्ट्रीट फूड में गिना जाता है. ये जैसे ही प्लेट में शेजवान चटनी और मेयोनीज के साथ सजकर जब आते हैं तो हर किसी का दिल खुश हो जाता है.
लेकिन, आपको बता दें कि ये खाने में बेशक टेस्टी लगें, लेकिन सेहत के लिए घातक साबित हो सकते हैं. यही वजह है कि घर के बड़े अक्सर मोमोज खाने पर टोकते हैं. अब सवाल है कि मोमोज नुकसानदायक कैसे? किन हानिकारक चीजों का होता है इस्तेमाल? आइए जानते हैं इस बारे में-
हानिकारक केमिकल : रिजेंसी हॉस्पिटल लखनऊ की डाइटिशियन रितु त्रिवेदी बताती हैं कि, मोमोज में इस्तेमाल किया जाने वाला मैदा वास्तव में रिफाइंड आटे से बना होता है, जिसे बेंजोयल पेरोक्साइड, एज़ोडीकार्बोनामाइड और अन्य ब्लीच के इस्तेमाल से तैयार किया जाता है. ये रसायन बाद में आपके पैनक्रियाज को प्रभावित कर सकता है.
खराब गुणवत्ता का मसाला : मोमोज बनाने में खराब गुणवत्ता वाला मीट इस्तेमाल होता है. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि नॉनवेज मोमोज बनाने के लिए पहले से मरे हुए जानवर का मीट इस्तेमाल किया जाता है, जिसे कम मूल्य पर खरीदा जाता है.
अधपकी सब्जियों का इस्तेमाल : वेज मोमोज में अधपकी और खराब सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है. जो सेहत के लिए नुकसानदायक है. इन सब्जियों को न तो ठीक से धोया जाता है और ना ही ये सही गुणवत्ता वाली होती हैं. इनमें ई-कोलाई बैक्टीरिया भी होता है जो गंभीर संक्रमण पैदा कर सकता है.
डायबिटीज का खतरा : एक्सपर्ट के मुताबिक, मोमोज को मैदा से बनाया जाता है. इसे ज्यादा स्मूथ और उसमें लोच लाने के लिए मैदा को ब्लीज किया जाता है. लेकिन ब्लीच के लिए बैंजोएल पैरॉक्साइड जैसे हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. यह केमिकल पैंक्रियाज पर सीधा असर करता है जिसके कारण पैंक्रियाज से निकलने वाले इंसुलिन हार्मोन कम बनने लगता है. इसका नतीजा यह होता है कि ब्लड शुगर बढ़ने लगता है.
बवासीर होने का खतरा : मोमोज को भाप पर गर्म कर पकाया जाता है. मैदा होने के कारण यह अल्ट्रा प्रोसेस्ड हो जाता है. अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड में फाइबर या तो होता ही नहीं या बहुत कम होता है. यही कारण है कि मोमोज खाने के बाद कॉन्स्टिपेशन शुरू हो जाता है. कॉन्स्टिपेशन के कारण स्टूल हार्ड होने लगेंगे. मोमोज के साथ बहुत तीखी चिली वाली चटनी भी होती है. यह हमेरॉयड में ब्लीडिंग को बढ़ाती है. ब्लीडिंग होने से मलद्वार की नसें कमजोर होंगी जिसके कारण पाइल्स का खतरा बढ़ जाएगा.(एजेंसी)