बोइंग इंजीनियर के दावों की जांच, उड़ान के बीच बोइंग ड्रीमलाइनर के हो सकते हैं टुकड़े...

न्यूयॉर्क : अमरीकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए), एक बोइंग इंजीनियर के दावों की जांच कर रहा है कि 787 ड्रीमलाइनर के धड़ के हिस्सों को अनुचित तरीके से एक साथ बांधा गया है और हजारों यात्राओं के बाद यह उड़ान के बीच में टूट सकते हैं।

बोइंग इंजीनियर के दावों की जांच, उड़ान के बीच बोइंग ड्रीमलाइनर के हो सकते हैं टुकड़े...

न्यूयॉर्क : अमरीकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए), एक बोइंग इंजीनियर के दावों की जांच कर रहा है कि 787 ड्रीमलाइनर के धड़ के हिस्सों को अनुचित तरीके से एक साथ बांधा गया है और हजारों यात्राओं के बाद यह उड़ान के बीच में टूट सकते हैं। वर्जीनिया स्थित विमान उद्योग कंपनी बोइंग व्हिसलब्लोअर सैम सालेहपोर द्वारा कंपनी के 787 ड्रीमलाइनर विमान की संरचनात्मक अखंडता के बारे में चिंता जताए जाने के बाद इस मामले में नए सिरे से जांच के दायरे में है। रिपोर्ट के मुताबिक इंजीनियर सैम सालेहपुर ने बोइंग में 10 वर्षों से अधिक समय तक काम किया है।

दरअसल इस व्हिसलब्लोअर ने खुलासा किया है कि बोइंग के 787 ड्रीमलाइनर में संरचनात्मक खामियां हैं, जिसके कारण यह उड़ान के बीच में ही टूट सकता है। इस खुलासे बाद अब एफएए व्हिसलब्लोअर के दावों की जांच कर रहा है। न्यूयॉर्क मीडिया के मुताबिक बोइंग कंपनी के हवाले से कहा कि 787 की समग्र संरचना का एक और लाभ यह है कि सामग्री पारंपरिक धातुओं की तरह खराब नहीं होती है और सेवा में कई दशकों तक रखरखाव को कम करती है। कंपनी ने कहा कि एक विमान 40 से 50 साल तक सेवा में रह सकता है।

खबरों के मुताबिक सैम सालेहपुर के हवाले से कहा है कि विनिर्माण प्रक्रिया में बदलाव से ऐसे शॉर्टकट लाए गए जिससे हजारों उड़ानों के बाद विमान का मुख्य भाग विफल हो सकता है। सालेहपुर ने कहा कि विमान का ढांचा विभिन्न निर्माताओं से कई बड़े टुकड़ों में आता है जिन्हें एक असेंबली लाइन पर एक साथ बांधा जाता है। इससे पहले 2019 में चार्ल्सटन दक्षिण कैरोलिना कारखाने में अन्य बोइंग श्रमिकों ने कहा था कि वे विमानों को असेंबल करने के लिए जल्दी कर रहे थे और उनकी सुरक्षा चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया गया था।

व्हिसलब्लोअर में से एक गुणवत्ता जांचकर्ता जॉन बार्नेट मार्च में मृत पाया गया था, जब उसने 787 कारखाने में सुरक्षा संबंधी चिंताओं को लेकर बोइंग पर मुकदमा दायर किया था। रिपोर्ट में कानूनी विशेषज्ञ का हवाला देते हुए कहा गया है कि भले ही वह मर चुका है, लेकिन एक कानूनी विशेषज्ञ का कहना है कि उसका मामला अभी भी जारी रह सकता है।(एजेंसी)