पूर्व क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी उर्फ टाइगर का कप्तानी करियर...

Cricketer : मंसूर अली खान पटौदी उर्फ टाइगर का कप्तानी करियर भी नारी कॉन्ट्रेक्टर के दुर्भाग्य से जन्मा था। नारी कॉन्ट्रेक्टर चोटिल हुए तो टाइगर को कप्तान बना दिया गया। भारतीय क्रिकेट में सबसे कम उम्र के कप्तान.

पूर्व क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी उर्फ टाइगर का कप्तानी करियर...

पूर्व क्रिकेटर टाईगर पटौदी

Cricketer : मंसूर अली खान पटौदी उर्फ टाइगर का कप्तानी करियर भी नारी कॉन्ट्रेक्टर के दुर्भाग्य से जन्मा था। नारी कॉन्ट्रेक्टर चोटिल हुए तो टाइगर को कप्तान बना दिया गया। भारतीय क्रिकेट में सबसे कम उम्र के कप्तान..पूरे वर्ल्ड क्रिकेट  की बात की जाए तो अफगानी स्पिनर राशिद खान और ततेन्दा तायबू के बाद तीसरे लेकिन पटौदी असाधारण थे।

अंतराष्ट्रीय पदार्पण से पुर्व ही वो एक्सीडेंट में अपनी दाहिनी आंख की रोशनी पुरी तरह खो बैठे थे... लेकिन वापसी कर पाए इससे बड़ा आश्चर्य कुछ नही था। तीसरे ही टेस्ट मैच में शतक लगा डाला उनको टाइगर नाम इसलिए दिया गया क्योंकि वो फील्डर भी बहुत शानदार थे, गेंद पर ऐसा झपटते थे जैसा कोई चीता शिकार को लपकता है... जैसा कि उस वक्त के क्रिकेटर फ़ील्डिंग में सुस्त होते थे.... 

क्रिकेट की दुनिया का टाइगर कहलाते थे मंसूर अली खान पटौदी, विरासत में मिली  थी नवाबी

इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद वापसी?? 

यह और बात है कि उनको राजघराने से होने का फायदा मिला। लेकिन उन्होंने एक आंख से क्रिकेट खेला.. उनके रिकार्ड्स बहुत मजबूत नही थे लेकिन ऐसे खिलाड़ी से आप क्या उम्मीद कर सकते हैं.. 

मंसूर अली खान पटौदी ने एक अच्छी आंख और एक अच्छे पैर के साथ कठिन  परिस्थितियों में दो महाकाव्यों को उकेरा! - क्रिकेट देश

विदेशी सरजमी पर पहली बार भारत ने सीरीज उनकी ही कप्तानी में जीती.. वो ऐसे कप्तान थे जिससे टीम मेंबर थोड़ा कम डरते थे. लेकिन भारतीय क्रिकेट के कदम टाइगर की कप्तानी के राज में ही जमने शुरू हुए थे, जीत का स्वप्न देखना आरम्भ हुआ था टाइगर ने अपने करियर में एक दोहरा शतक भी लगाया है..  उनके करियर में एक भी अर्धशतक होता तो भी आश्चर्य करने की बात थी.. 

14 Potret lawas ayah Saif Ali Khan, Mansoor Ali Khan Pataudi yang atlet  kriket – keepingtimes

मुझे उनके जीवन की घटनाओं से होता तो है लेकिन उससे भी बड़ा आश्चर्य उनका टैगोर खानदान की कश्मीर की कली शर्मिला टैगोर से प्रेम विवाह था... !
खैर मोहब्बत आस्चर्य में न डाल दे तो मोहब्बत कैसी.. ! सब कुछ होते हुए भी उन्होंने शर्मिला को फ़िल्म में काम करने से मना नही किया। लेकिन मुझे वर्ल्ड क्रिकेट में भयानक जिजिविषा का खिलाड़ी खोजने को कहा जायेगा तो मेरी जबान से टाइगर का नाम ही आएगा। वो अद्भुत थे, उनकी क्षमता सोच से परे थी...