Division Of The Country : देश के विभाजन के बाद भारतीय रेलवे के सामने आई थी समस्या...

Division Of The Country : 1947 में देश के विभाजन ने वैसे तो सबके सामने अनगिनत समस्याएं पैदा की थी । लेकिन एक छोटी सी समस्या भारतीय रेलवे के सामने भी आई थी । वो समस्या ये थी कि पहले

Division Of The Country : देश के विभाजन के बाद भारतीय रेलवे के सामने आई थी समस्या...

Division Of The Country : 1947 में देश के विभाजन ने वैसे तो सबके सामने अनगिनत समस्याएं पैदा की थी । लेकिन एक छोटी सी समस्या भारतीय रेलवे के सामने भी आई थी । वो समस्या ये थी कि पहले सारी महत्वपूर्ण रेल लाइनें जो दक्षिणी और पूर्वी बंगाल से हो कर गुजरती थीं और असम तथा अन्य पूर्वोत्तर के राज्यों को जोड़ती थी, वो सब अब पूर्वी पाकिस्तान में चली गईं थी । नतीजा ये हुआ कि  उत्तरी बंगाल जैसे दार्जलिंग , कालिंपोंग और असम तथा पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों के साथ संचार संपर्क पूरी तरह से बाधित हो गया था ।

खैर इस समस्या से निपटने के लिए भारतीय रेल ने दो साल के भीतर ही 1949 तक चिकन नेक वाली पतली पट्टी पर स्थित सिलीगुड़ी शहर में ही स्थित पुराने सिलीगुड़ी टाउन रेलवे स्टेशन के उत्तर में एक नया स्टेशन सिलीगुड़ी जंक्शन के नाम से विकसित कर लिया । लेकिन ये स्टेशन भी पूरे पूर्वोत्तर भारत, पूरे नॉर्थ बंगाल, भूटान, सिक्किम जाने वालों की जरूरत पूरी करने में असमर्थ था । 

अतः 1960 के दशक की शुरुआत में, भारतीय रेलवे ने एक नए स्टेशन का विकास करना शुरू किया । चूँकि नया स्टेशन जलपाईगुड़ी जिले में स्थित था , इसलिए इसका नाम न्यू जलपाईगुड़ी रखा गया। 1964 तक, न्यू जलपाईगुड़ी इस क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन बन गया, जो कि आज तक है । आज भी यह पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त रेलवे जंक्शन है । अगर आप दार्जलिंग, कालिंपोंग या सिक्किम घूमने जा रहे हैं तो आपको यहीं उतरना होगा । साथ की फोटो इसी स्टेशन की है ।