भारत दुनिया में आयात करने की जगह निर्यात कर रहा उत्कृष्ट हथियार...

नई दिल्ली : भारत दुनिया में मेडिकल उपकरण, राशन सहित तमाम चीजों के निर्यात के बाद अब ब्रह्मोस मिसाइलों जैसे उत्कृष्ट हथियार सिस्टम भी बेचने को तैयार है। डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने इसकी

भारत दुनिया में आयात करने की जगह निर्यात कर रहा उत्कृष्ट हथियार...

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का ग्राउंड सिस्टम एक्सपोर्ट होगा

नई दिल्ली : भारत दुनिया में मेडिकल उपकरण, राशन सहित तमाम चीजों के निर्यात के बाद अब ब्रह्मोस मिसाइलों जैसे उत्कृष्ट हथियार सिस्टम भी बेचने को तैयार है। डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि भारत अगले 10 दिनों में ही ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का ग्राउंड सिस्टम एक्सपोर्ट करना शुरू करेगा। इसके बाद क्रूज मिसाइलों का भी निर्यात इसी साल मार्च से शुरू होना है। उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा फिलीपींस को कई हथियार एक्सपोर्ट किए हैं। अब कुछ और देश भी इसके निर्यात की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 10 दिनों के अंदर ही ब्रह्मोस का ग्राउंड सिस्टम फिलीपींस भेज दिया जाएगा। इसके बाद मार्च तक मिसाइलें भी भेजी जाएगी। डॉ.कामत ने कहा, करीब 4.94 लाख करोड़ रुपये के डीआरडीओ के उत्पादों के लिए रुचि दिखाई गई है। पहले के मुकाबले हमें कहीं ज्यादा ऑर्डर मिले हैं और तेजी से प्रोग्रेस हो रही है। बीते 5 सालों के मुकाबले तेजी से इस संख्या में इजाफा हुआ है। मेरा अनुमान है कि अब तक हुए कुल एक्सपोर्ट में से करीब 70 फीसदी हथियार पिछले 5 से 7 सालों में ही निर्यात किए गए हैं।

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साथ ही आकाश मिसाइलें, अर्जुन टैंक, लाइट एयरक्राफ्ट जैसे तमाम रक्षा उपकरणों को भी निर्यात किया जाएगा। इनके लिए भी कई देशों ने दिलचस्पी दिखाई है। गौरतलब है कि भारत पहले ही अर्मेनिया जैसे देशों को हथियार निर्यात कर रहा है। यह भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए बड़ी छलांग की तरह है, जो अब तक अपनी जरूरतों के लिए भी आयात करता था। अब उसके उलट बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट करना सफलता है।

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बता दें कि भारत ने 2023 में भी डिफेंस एक्सपोर्ट में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। भारत ने दुनिया के देशों को करीब 16 हजार करोड़ रुपये की कीमत के हथियार बेचे थे। यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा था। इससे पहले 2022 में भी 13 हजार करोड़ रुपये के हथियारों का सौदा हुआ था। भारत में डिफेंस प्रोडक्शन भी ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में पहली बार 1 लाख करोड़ रुपये का डिफेंस प्रोडक्शन हुआ है।(एजेंसी)