भारत में कुपोषण और भुखमरी की समस्या 2015 के बाद से बढी है

नई दिल्ली : नीति आयोग के सदस्य रमेश कुमार ने जानकारी देते हुए कहा, कि 2015 के बाद से भारत का खाद्यान्न उत्पादन बढ़ा है।

भारत में कुपोषण और भुखमरी की समस्या 2015 के बाद से बढी है

नई दिल्ली : नीति आयोग के सदस्य रमेश कुमार ने जानकारी देते हुए कहा, कि 2015 के बाद से भारत का खाद्यान्न उत्पादन बढ़ा है। इसके बाद भी भारत में कुपोषण और भुखमरी की समस्या भी बढी है। उन्होंने कहा कि महंगाई के कारण आम आदमी की पहुंच से दाल सब्जी फल इत्यादि खाद्यान्न महंगे होने के कारण वह उन्हें खरीद नहीं पा रहा है। जिसके कारण भारत में भुखमरी और कुपोषण दोनों ही बढ़ रहे हैं।

योजना आयोग के सदस्य रमेश कुमार द्वारा यह कहना बहुत ही चिंताजनक है, कि भारत में खाद्यान्न का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में होने के बाद भी,आम आदमी खाद्यान्न तेल तिलहन मांस अंडे सब्जियां दूध और अन्य पोषण सामग्री को नहीं खरीद पा रहा है। जिसके कारण कुपोषण बढ़ता ही जा रहा है। उल्लेखनीय है हंगर में शामिल 125 देशों कि सूची में भारत का 111 वां नंबर है। भारत सरकार ने हंगर सूची को नकार दिया है। लेकिनकुपोषण और भुखमरी की वर्तमान हालात की पुष्टि योजना आयोग के सदस्य द्वारा कर दी गई है। 

यह भारत के लिए सबसे चिंताजनक स्थिति है। महंगाई के कारण लोगों की क्रय स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही है। महंगाई के कारण ही आम आदमी से पोषण सामग्री की पहुंच खत्म हो रही है। कोरोना महामारी के बाद यह स्थिति और भी ज्यादा बढ़ गई है। महंगाई कुपोषण और भुखमरी का सबसे बड़ा कारण बन रहा है।(एजेंसी)