Supreme Court : जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को वैध ठहराने वाली एक जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज

Supreme Court : नई दिल्ली जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को वैध ठहराने वाली एक जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।

Supreme Court : जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को वैध ठहराने वाली एक जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज

Supreme Court : नई दिल्ली जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को वैध ठहराने वाली एक जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये कैसी याचिका है? कोई अदालत संवैधानिक वैधता की घोषणा नहीं कर सकती। दरअसल याचिका में सुप्रीम कोर्ट से घोषणा करने की मांग की गई थी कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना सही है और 35ए को हटाना कानूनी था। याचिका पर सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी कर कहा कि आपके मुवक्किल को किसने ये राय दी? आखिर हमें ऐसी घोषणा क्यों जारी करनी चाहिए?

Supreme Court rejected PIL to legalize abrogation of Article 370 from Jammu  and Kashmir says What kind of petition- ये कैसी याचिका है? आपके मुवक्किल को  किसने राय दी? जानें आर्टिकल 370

जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ पहले ही सुनवाई कर रही है। पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही याचिकाकर्ताओं के मुख्य वकील कपिल सिब्बल से पूछा था कि एक प्रावधान (अनुच्छेद 370), जिसका विशेष रूप से संविधान में एक अस्थायी प्रावधान के रूप में उल्लेख किया गया था, वह 1957 में जम्मू कश्मीर संविधान सभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद स्थायी कैसे हो सकता है?

जबकि सिब्बल ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के तरीके पर आपत्ति जताकर कहा था कि एक राजनीतिक कार्रवाई के जरिये अनुच्छेद 370 को खिड़की से बाहर फेंक दिया गया। यह कोई संवैधानिक कार्य नहीं था। संसद ने खुद संविधान सभा की भूमिका निभाई और अनुच्छेद 370 को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छा का प्रयोग कर रही है। क्या ऐसी शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है? (एजेंसी )