स्कूल में गोलियों की गूंज: स्वीडन में हमले में 11 की मौत

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स्वीडन : यहां के एक स्कूल में हुई गोलीबारी से शूटर समेत 11 लोगों की मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि इस हमले को एक अकेले शूटर ने अंजाम दिया, लेकिन इस हमले का मकसद अब तक साफ नहीं हो सका है।स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम से लगभग 200 किलोमीटर पश्चिम में स्थित ओरेब्रू के कैंपस रिसबर्गस्का में हुई, जहां वयस्कों को शिक्षा दी जाती है। यह संस्थान उन लोगों के लिए है जो समय पर अपनी स्कूली शिक्षा पूरी नहीं कर सके। हालांकि, इस स्कूल के नजदीक बच्चों का एक स्कूल भी मौजूद है।

पुलिस ने यह भी साफ किया कि अभी तक इस हमले का आतंकवाद से कोई संबंध सामने नहीं आया है। लेकिन संदिग्ध हमलावर के मकसद को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है।इस हमले से पूरे यूरोप में सदमा फैल गया। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा, ऐसी हिंसा और आतंक हमारे समाज में कोई जगह नहीं रखते, खासतौर पर स्कूलों में।

पुलिस का कहना है कि हमलावर पहले से किसी अपराध में वॉन्टेड नहीं था। हमले के तुरंत बाद पुलिस ने संदिग्ध के घर पर छापा भी मारा, लेकिन वहां से क्या मिला, इसकी जानकारी साझा नहीं की गई। स्वीडन के राजा कार्ल सोलहवें गुस्ताफ ने इस दुखद घटना पर शोक जताते हुए पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, यह खबर मेरे और मेरे परिवार के लिए बेहद दुखद और स्तब्ध करने वाली है।

स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन ने इस घटना को देश की अब तक की सबसे भीषण सामूहिक गोलीबारी करार दिया। उन्होंने कहा, आज हमने निर्दोष लोगों के खिलाफ खौफनाक और जानलेवा हिंसा देखी। इस हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। पुलिस प्रमुख रॉबर्टो ईड फॉरेस्ट के मुताबिक, अपराध स्थल पर नुकसान इतना ज्यादा हुआ कि मरने वालों की सटीक संख्या तुरंत नहीं बताई जा सकी। उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है।

स्वीडिश न्याय मंत्री गुनार स्ट्रोमर ने इस हमले को समाज को झकझोर देने वाली घटना बताया। उन्होंने कहा, स्वीडन ने हमेशा सोचा था कि हमारे देश में इस तरह की घटना नहीं होगी, लेकिन आज हमें भी इस खौफनाक हकीकत का सामना करना पड़ रहा है।डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन ने भी स्वीडन के लोगों के साथ संवेदना जताई और इस घटना को बेहद दुखद करार दिया।

चश्मदीदों ने सुनाई आपबीती

हमले के दौरान स्कूल में मौजूद शिक्षिका लीना वारनमार्क ने बताया कि उन्होंने करीब 11 गोलियां चलने की आवाज सुनी। वहीं, 28 साल के छात्र एंड्रियास सुंडलिंग ने बताया कि हमले के वक्त उन्होंने खुद को एक कक्षा के अंदर बंद कर लिया। उन्होंने कहा, हमने तीन जोरदार धमाके सुने और उसके बाद चीख-पुकार मच गई।(एजेंसी)

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Author: Khulasa Post

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