आंखो की बीमारी से हो सकता है दिमागी खतरा, जाने बचाव के तरीके

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Health Tips : आंखों की पलकों की ठीक से देखभाल न करने वाले और साफ सफाई न रखने वाले लोगों को अक्सर इंफेक्शन औऱ अंजनी की परेशानी का सामना करना पड़ता है. अंजनी होने पर आंखों में दर्द, जलन और खुजली होने के साथ ही आई इंफेक्शन का खतरा होता है, जो इलाज न करवाने पर दिमाग तक पहुंच सकता है.

हर इंसान को पर्सनल हाइजीन का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है. खुद को साफ रखने के लिए आप नहाने के साथ-साथ कान की सफाई आदि कर लेते हैं, लेकिन शायद ही कोई हो जो अपनी पलकों की सफाई करता हो. इन दिनों मौसम शुष्क होने से आंखों की पलकों पर धूल मिट्टी साफ रखना जरूरी है, वरना यह जमी हुई धूल मिट्टी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है.

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पलकों की गंदगी से अंजनी की परेशानी होती है. क़ई लोग मानते हैं कि जिसे एक बार अंजनी होती है, तो वह 7 बार निकलती है लेकिन ऐसा नहीं है. आपको अंजनी से छुटकारा पाने के लिए कॉटन बॉल से गर्म पानी से समय- समय पर साफ करना जरूरी होता है. अंजनी होने पर आंखों में दर्द, जलन और खुजली होने के साथ ही आई इंफेक्शन का खतरा होता है, जो इलाज न करवाने पर दिमाग तक पहुंच सकता है.

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ सुशील ओझा ने बताया कि अंजनी को गुहेरी और अंजनियारी भी कहा जाता है. इसमें आंखों और पलकों पर सूजन और भयानक दर्द होता है. आजकल शुष्क मौसम और प्रदूषण के कारण गंदगी और धूल मिट्टी अंजनी हो जाती है. इसकी वजह से आंखों में लालीपन, दर्द, सूजन, खुजली और जलन जैसी परेशानी मरीज को हो सकती है. उन्होंने कहा कि मेडिकल लैंग्वेज में इसे आई स्टाई कहा जाता है. जिस तरह से शरीर पर किसी भी जगह फुंसी होती है, उसी तरह आंखों की पलकों पर यह भी इंफेक्शन होने से हो सकती है.

अंजनी में लापरवाही बढ़ा सकती है मुश्किल

डॉ सुशील ओझा ने बताया कि आंखों की पलकों की ठीक से देखभाल न करने वाले और साफ सफाई न रखने वाले लोगों को अक्सर इंफेक्शन औऱ अंजनी की परेशानी का सामना करना पड़ता है. पुराने समय में ग्रामीण इलाकों में कहा जाता था कि एक बार जिसे यह समस्या होती है, उसे सात बार इसका सामना करना पड़ता है. लेकिन यह एक सिर्फ मिथक है.

अगर पहली बार मे आप इसका सही से इलाज करते है, तो यह एक ही बार में ठीक हो सकती है. पुराने समय में इतने स्वास्थ्य सुविधा नहीं थी. लेकिन आज चिकित्सा के सलाह पर अगर मरीज आंखों की मसाज और सिकाई करें. इसके साथ इसके हाइजीन का ख्याल रखें, तो वह बहुत जल्द ही अपनी परेशानी से निजात पा सकता है.(एजेंसी)

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Author: Khulasa Post

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