CG News : छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। रायगढ़ जिले का होनहार युवक अक्षज दत्त शर्मा लड़ाकू विमान उड़ाएगा। अक्षज प्रदेश के पहले पायलट होंगे जो फाइटर प्लेन उड़ाएंगे।
RIMC में इंट्रेस एग्जाम से हुआ चयन
खास चर्चा में अक्षज शर्मा ने बताया कि 7वीं कक्षा तक वे रायगढ़ के ओपी जिंदल स्कूल में पढ़े। उसके बाद RIMC (राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज) में इंट्रेन्स एग्जाम के माध्यम से उनका चयन हुआ।
देशभर में उनका 32वां रैंक रहा
अक्षज के मुताबिक पहले रिटन, इंटरव्यू और फिर मेडिकल एग्जाम हुआ। जिसमें पांच साल के बाद जब 12वीं कम्पलीट हुआ, तो अक्षज ने एनडीए रिटन एग्जाम दिया। जब एनडीए रिटन में सफलता मिली तो 5 दिन के लिए अक्षज एसएसबी इंटरव्यू के लिए गए। जिसमें उनका रैंक 32 आया।
बचपन से फ्लाईंग का शौक
अक्षज का कहना है कि उन्हें पूरा भरोसा था कि वे एनडीए में सलेक्ट हो जाएंगे। क्योंकि उन्होंने काफी मेहनत किया और पैरेंट्स का काफी सपोर्ट मिला। ऐसे में उनका कहना है कि उन्हें यह जानकर काफी खुशी हो रही है कि अब वे भी उनमें से होंगे, जो फाइटर प्लेन उड़ाते हैं। अक्षज ने बताया कि उन्हें बचपन से ही फ्लाईंग का शौक था।
पैरेट्ंस ने किया मोटिवेट
अक्षज के परिजन उसे लगातार इसके लिए मोटिवेट करते थे और उसे बचपन से ही एयर फोर्स के साथ ही उसकी पढ़ाई और तैयारियों को लेकर बताते थे। ऐसे में देश के लिए कुछ बड़ा करने के लिए अक्षज को उनके परिजन से प्रेरणा मिली और घर-परिवार का हर व्यक्ति अक्षज की इस उपलब्धि से उत्साहित है।
अक्षज ने तैयारी को लेकर यह बताया
अक्षज का मानना है कि बच्चों की तैयारी एकदम नीचले क्लास से होती है। क्योंकि जब तक बेस मजबूत नहीं होगा, आगे की पढ़ाई का कोई मतलब नहीं है। इसलिए अक्षज के परिजनों ने उसकी तैयारी छोटे क्लास से शुरू कर दी थी। ऐसे में आरआईएमसी के लिए तैयारी 6-7 क्लास से शुरू हो गई थी।
‘पिता मैथ्स तो मां इंग्लिश पढ़ाती थीं’
पढ़ाई में अक्षज शुरू से बेहतर थे, लेकिन RIMC से लेकर एनडीए तक के सफर के लिए उन्होंने कोई अलग से प्रोफेशनल कोचिंग नहीं ली, बल्कि उनके पिता हितेश दत्त शर्मा मैथ्स और उनकी मां कविता शर्मा इंग्लिश की पढ़ाई कराती थीं। अक्षजने कहा कि जरूरत आने पर टीचर्स का सपोर्ट भी लिया। NDA में चयन के बाद अक्षज आगे की पढ़ाई का पूरा श्रेय आरआईएमसी को देते हैं। उनका मानना है कि RIMC में बहुत कुछ जानने और समझने को मिला।
अक्षज को मिला प्रेसिडेंट मैडल
आरआईएमसी में जो बेस्ट कैडेट होता है। उसे एक तलवार भी दी जाती है जिसे ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ कहा जाता है। ऐसे में अक्षज को ‘स्वार्ड ऑफ ऑनर’ के साथ ही बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्रेसिडेंट मैडल भी दिया गया। अब 2025 जनवरी में अक्षज की ज्वॉइनिंग हो जाएगी और 3 साल पुणे में ट्रेनिंग के बाद वे फ्लाइट कैडेट कहलाएंगे।(एजेंसी)
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