Tax Evasion : कारोबारी ने Tax चोरी के उद्देश्य से नौकरानी के नाम करोड़ों की बोगस बिलिंग कर दी
Tax Evasion : लुधियाना की डाटा मानिंग साफ्टवेयर के कारोबारी ने कर चोरी के उद्देश्य से अपनी नौकरानी के नाम पर दो महीने में करोड़ों रुपए की बोगस बिलिंग कर दी।
Tax Evasion : लुधियाना की डाटा मानिंग साफ्टवेयर के कारोबारी ने कर चोरी के उद्देश्य से अपनी नौकरानी के नाम पर दो महीने में करोड़ों रुपए की बोगस बिलिंग कर दी। कारोबारी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर घरेलू काम के लिए नियुक्त नौकरानी के नाम पर जीएसटी नंबर जारी करवा लिया था। जीएसटी विभाग ने जब दस्तावेजों में दर्ज मोबाइल फोन पर कॉल किया तो पता चला कि फर्म किसी घर पर काम करने वाली नौकरानी के नाम पर है। जब महिला को अपने नाम पर करोड़ों के कारोबार का पता चला तो उसने जीएसटी अधिकारियों को बताया कि उसे पारिश्रमिक तौर पर सिर्फ 10 हजार रुपए महीने मिलते है। इसके बाद अंडरग्राऊड हुई नौकरानी की तलाश की जा रही है।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जीएसटी की टीम ने विभाग के डाटा मानिंग साफ्ट वेयर से मिली जानकारी के आधार पर काम करते हुए 1 अक्तूबर को एक ट्रक पकड़ा था, जिसमें 3 टन कॉपर भी भरा हुआ था। विभाग ने कार्रवाई करते हुए ट्रक के मालिक को 11लाख 66 हजार रुपए जुर्माना किया था। लेकिन स्टेट इंटेलीजेंस व प्रीवेंटिव यूनिट की तरफ से जब इस ट्रक से बरामद बिलों की 15 दिन तक जांच की तो पता चला कि इसमें लगे एक बिल का जीएसटी नंबर लुधियाना के ट्रेडर की फर्म ने 28 जून 2023 को जारी करवाया था और इस फर्म में उन्होंने नमक, मिर्च व चायपत्ती का कारोबार करने की बात की थी। लेकिन फर्म की तरफ से कॉपर स्क्रैप की बोगस बिलिंग की पुष्टि हुई ।
जांच में खुलासा हुआ कि कारोबारी ने अपनी घरेलु नौकरानी के नाम पर फर्म खोली हुई है और 2 महीने में ही उसने 10 करोड़ रुपए की बोगस बिलिंग कर दी। जांच में यह भी पता चला कि जीएसटी नंबर रजिस्ट्रेशन करवाते समय फर्म मालिक की तरफ से फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग किया गया था, किरायानामा भी पुराने अष्टामों पर लिखवा कर जमा करवाया गया था, जब कि यह अष्टाम 2022 में राज्य सरकार की तरफ से बंद कर दिए गए थे। फर्म की तरफ से किरायानामा वर्ष 2023 में तैयार किया गया था।
जब अधिकारियों ने दस्तावेजों में दर्शाये फर्म मालिकन अर्थात नौकरानी से बात की तो पता चला कि वास्तव में वह बिहार से आई हुई है। वह और उसका पति मजदूरी करता है, उसे कारोबार के बारे में कुछ जानकारी नहीं है। उसने बताया कि मालिक ने उसे कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए थे जिसके ऐवज में उसे 10 हजार रुपए दिए थे ।
जीएसटी विभाग के अधिकारी इस फर्म की तरफ से की गई हरेक ट्राजेक्शन को लेकर जांच कर रहे है, जांच के दौरान अन्य कई फर्मो के बारे में पता चला है, जो कि इस फर्म के साथ कारोबार कर रही थी। अधिकारियों का मानना है कि जांच के दौरान विभाग को करोड़ों रुपए का टैक्स व जुर्माना आने की संभावना है। फिलहाल अभी तक दो अन्य फर्मो के बारे में पता चला है।(एजेंसी)