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- » North Express» पथरी खदान में मजदूर की मौत पर राजनीति के तहत संचालकों पर मुकदमा हुआ दर्ज
पूर्व विधायक और विधायक के रिश्तेदार सहित खदान संचालकों पर मुकदमा दर्ज
मामले में राजनीति की आ रही है बु
वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक के बीच पहले से चल रहा है विवाद
Report:Deepak Pandey
Place:Banda
बाँदा की पथरी खदान में अज्ञात कारणों के चलते एक मजदूर की मौत हो गई जिसके बाद राजनीति और षणयंत्र का खेल सुरु हो गया और आखिर में मृतक के परिजनों के आरोपों के आधार पर खदान संचालकों पर हत्या का मुकदमा भी दर्ज हो गया। जबकि घटना के दौरान खदान संचालक देवेंद्र सिंह हमीरपुर में थे और पूर्व विधायक दलजीत सिंह लखनऊ में थे। इतना ही नहीं पूर्व विधायक दलजीत सिंह और विधायक ब्रजेश प्रजापति कर बीच वर्चस्व को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा है।
पथरी खदान में मजदूर की हुई अज्ञात मौत के मामले में मृतक के परिजनों ने खदान संचालकों पर आरोप लगाते हुए बवाल काट दिया जंहा बिना वक्त गंवाए तिंदवारी विधायक ब्रजेश प्रजापति भी वंहा पंहुच गए और मृतक के परिजनों के साथ खड़े हो गए मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया है कि खदान संचालक मृतक को उसकी मजदूरी नही दे रहे थे और जान से मारने की धमकी दे रहे थे जबकि खदान संचालक देवेंद्र सिंह ने आरोपों को षणयंत्र बताते हुए कहा कि परिजनों द्वारा जो आरोप लगाया जा रहा है वह निराधार है । मजदूर की मजदूरी 22 नवम्बर को देदी गई थी जिसकी स्लिप मृतक के हस्ताक्षर सहित हमारे रिकार्ड में है। मजदूर शिवाकांत की देर रात अचानक तबियत खराब हुई जिसे जिला अस्पताल ले गए और रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई लेकिन तिंदवारी विधायक ने षड्यंत्र रच कर परिजनों से झूठा मुकदमा लिखवा दिया है । संचालक ने बताया कि विधायक प्रति ट्रक हिस्सेदारी मांग रहा था जो कि देने से मना कर दिया था और इस बात की सूचना पुलिस में दी जा चुकी थी। विधायक द्वारा राजनीति के तहत मुकदमा लिखा गया है क्यों कि घटना के दौरान एक भी आरोपी मौके पर मौजूद नही था। देवेंद्र सिंह हमीरपुर जिले में थे। पूर्व विधायक दलजीत सिंह लखनऊ में थे और पूर्व विधायक के भांजे और आलोक सिंह अपने अपने घरों में होना बताया जा रहा है जो कि पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आ जाएगी। अब सवाल यह उठता है कि करोड़ो का व्यवसाय करने वाले चंद हजार रुपये के लिए एक मजदूर की हत्या क्यों करेंगे और पेय स्लिप कंहा से आई। मजदूर ने पुलिस में सूचना क्यों नही दी।जबकि मृतक के ही गांव का रिटायर फौजी भी गनर के तौर पर वंहा मौजूद था। जिसके मुताबिक भी बीमारी से मौत बताई जा रही है। इतना ही नहीं मृतक के सरीर में कंही भी किसी भी प्रकार की एक भी चोट या खरोंच के निसान नहीं मामला जो भी पोस्टमार्टम में मौत की वजह साफ हो जाएगी।
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