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- » छत्तीसगढ़ समाचार» पूरे प्रदेश में योग दिवस की धूम, सभी वर्गों में दिखा उत्साह... मुख्यमंत्री बघेल ने दिया योग मंत्र
'द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा' से साभार
आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर हुए विशेष आयोजन, जनप्रतिनिधियों सहित सभी लोगों ने उत्साहपूर्वक किया योग
आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर प्रदेश के हर जिले में विशेष आयोजन किए गए। जीवन को रोगमुक्त और स्वस्थ बनाने के उद्देश्य से दैनिक जीवन में नियमित योगाभ्यास को शामिल करने के संकल्प के साथ सभी ने मनोयोग से योग किया। योग दिवस पर रायपुर, राजनांदगांव, बिलासपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बालोद, दंतेवाड़ा, कांकेर, सिहावा समेत प्रदेशभर में विशेष आयोजन हुए, जहां महिला, पुरुष, बच्चे, बुजुर्गों सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और योग के विभिन्न अभ्यास किए।
योग मनुष्य की शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाता है-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन में प्रातः योग की विभिन्न मुद्राओं का अभ्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को योग दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए लोगों से योग को अपने दिनचर्या में अनिवार्य रूप से शामिल करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमित योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है और मन की एकाग्रता बढ़ती है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने संदेश में कहा है कि जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है स्वस्थ रहना। योग मनुष्य की शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है। हम भी अपने जीवन में योग को जोड़े और रोग दूर भगाएं। योग सिर्फ कसरत नहीं है, बल्कि ये एक ऊर्जा के रूप में काम करता है। आप योग को अपनाकर पूरी उम्र सेहतमंद और बीमारियों से बचे रह सकते हैं।
कोरोना काल में यह स्पष्ट हो गया है कि केवल धन-संपदा ही महत्वपूर्ण नही है, बल्कि स्वस्थ तन और स्वस्थ मन दोनों की आवश्यकता होती है। इसलिए तंदुरूस्त रहने के लिए नियमित योग बहुत जरूरी है। योग हमारी प्राचीन परंपरा है। यदि हम सब नियमित रूप से योग करें तो तन भी स्वस्थ रहेगा और मन भी स्वस्थ रहेगा। जीवन में सकारात्मकता आएगी। इसलिए योग नियमित करें, इसका लाभ उठाएं। श्री बघेल ने कहा कि तन और मन दोनों स्वस्थ रहेंगे तो हम किसी भी विपरीत परिस्थिति का सामना कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में हमने सिर्फ भौतिक साधनों को ही सफलता का पैमाना मान लिया है, जबकि स्वस्थ तन और स्वस्थ मन के बिना हर सफलता अधूरी है। कोरोना-संकट के दौर में योग की प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है। तन-मन से चुस्त-दुरुस्त रहकर ही हम गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के सपने को तेजी से साकार कर सकते हैं।
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