Pollution News : वायु प्रदूषण ने तोड़े सरे रिकॉर्ड, लोगों का सांस लेना तक दूभर

Pollution News : वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट से लेकर एनजीटी तक ने सरकारों को फटकार लगाई है। अक्टूबर ही नहीं बल्कि नवंबर महीने में भी अब तक हवा में प्रदूषण ने लोगों

Pollution News : वायु प्रदूषण ने तोड़े सरे रिकॉर्ड, लोगों का सांस लेना तक दूभर

Pollution News : वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट से लेकर एनजीटी तक ने सरकारों को फटकार लगाई है। अक्टूबर ही नहीं बल्कि नवंबर महीने में भी अब तक हवा में प्रदूषण ने लोगों का सांस लेना तक दूभर किया हुआ है। इतना ही नहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी मानता है कि इस साल नवंबर में एयर पलूशन ने तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बोर्ड के मुताबिक बीते 6 सालों में दूसरी बार इतना ज्यादा एयर पलूशन रहा है। इसके पहले 2021 में इतना पलूशन था। इस महीने 8 दिन हवा में पलूशन का स्तर खतरनाक रहा है। इसके अलावा 9 दिन बेहद खराब श्रेणी वाली हवा रही।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डेटा के मुताबिक 1 नवंबर से 20 नवंबर के दौरान 2018 से 2023 तक में सबसे ज्यादा पलूशन वर्ष 2021 में था। इस साल एयर पलूशन का औसत 383 था। वहीं इस साल औसत एक्यूआई 372 रहा। इसी अवधि में 2020 में 329, 2019 में 353 और नवंबर में 342 रहा। डेटा के अनुसार 2 नवंबर को शाम 4 बजे एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 392 था और शाम 5 बजे तक यह औसत 402 तक पहुंच गया। 3 से 6 नवंबर के दौरान एक्यूआई बेहद खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया। हालांकि 7 नवंबर को थोड़ा सुधर गया और 395 तक आ गया।

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लेकिन 8 और 9 नवंबर को फिर से 400 के पार हो गया। इसके बाद 10 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पश्चिम यूपी सहित बड़े इलाके में हुई बारिश से राहत मिली थी। हालांकि 12 नवंबर के बाद से फिर प्रदूषण बढ़ना शुरू हो गया और 13 नवंबर को दिवाली के अगले दिन यह फिर 350 के पार चला गया। फिर 14 नवंबर को यह 397 और अगले दिन यानी 15 को 398 हो गया।

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फिर 16 और 17 नवंबर को भी प्रदूषण का लेवल बढ़ा रहा। जानकार मानते हैं कि नवंबर के शुरुआती दिनों में हवा की गति कम होने से प्रदूषण बढ़ जाता है। इसके अलावा पराली जलने से यह संकट और गहराता है। बीते साल के मुकाबले इस बार पलूशन अधिक रहने की वजह यह भी थी कि 2022 में अक्टूबर महीने में अच्छी खासी बारिश हुई थी। इस बार ऐसा नहीं हुआ। इसके अलावा पराली भी बीते साल अक्टूबर के अंत तक ही जली थी। लेकिन इस बार धान की फसल देरी से लगी थी।(एजेंसी)