प्रेम-प्रसंग में ट्रिपल मर्डर, IPS अफसर ने 50वें दिन दिलाया इंसाफ...
Crime News : बिहार देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने भारत के नए आपराधिक कानून (BNS) के तहत गुनहगारों को सजा दिलाई है. बिहार की सारण पुलिस द्वारा नए BNS कानून के तहत दर्ज की गई एफआईआर और अनुसंधान के बाद एक ट्रिपल मर्डर केस में सभी
Crime News : बिहार देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने भारत के नए आपराधिक कानून (BNS) के तहत गुनहगारों को सजा दिलाई है. बिहार की सारण पुलिस द्वारा नए BNS कानून के तहत दर्ज की गई एफआईआर और अनुसंधान के बाद एक ट्रिपल मर्डर केस में सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा हुई है. अदालत ने ट्रिपल मर्डर केस में दो किशोर गुनहगारों को उम्रकैद और 25 हजार का जुर्माना लगाया है. यह मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा हुआ था, जिसमें दो लड़कों ने दो नाबालिग लड़कियों और उनके पिता की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी. अपराधियों ने रात के अंघेरे में घर की छत पर सो रहे बाप और उसकी दो नाबालिग बेटियों की बड़ी निर्दयता से हत्या कर दी थी. स्पीडी ट्रायल के बाद गुरुवार को 50वें दिन दोनों किशोर आरोपियों को उम्रकैद की सजा हुई है.
भारतीय न्याय संहिता के 1 जुलाई से लागू होने के बाद देश में पहली बार इस नए कानून के तहत किसी को सजा सुनाई गई है. न्यूज18 हिंदी ने सारण के एसपी डॉ. कुमार आशीष से इस वारदात को लेकर विस्तार से बात की. सारण के एसपी डॉ. कुमार आशीष कहते हैं, ‘बिहार और बिहार पुलिस दोनों के लिए आज का दिन एतिहासिक है. बीएनएस के तहत दर्ज मामलों में सजा दिलाने में सारण देश का पहला जिला और बिहार पहला राज्य बन गया है. बीती 17 जुलाई को रात 2 बजे डायल 112 नंबर से हमें सूचना मिली थी कि एक ही परिवार के तीन सदस्यों की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई है. मरने वालों में पिता और दो नाबालिग बेटियां शामिल थीं. घटना के एक घंटे के अंदर ही हमने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.’
14 दिन में चार्जशीट
डॉ आशीष कहते हैं, ‘हमने रसूलपुर थाने में धारा 103 (1), 109(1), 329- 4/3 ( 5 ) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की. इसमें फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की भी मदद ली. भारत के तीन नए कानून बीएनएस, बीएनएसएस और बीएनएसए इन सभी के अनुदेशों का पालन करते हुए 14 दिनों में ही यानी 31 जुलाई को स्पीडी चार्जशीट दाखिल कर दी थी. इसके बाद माननीय न्यायालय से स्पीडी ट्रायल कराने का हमने आग्रह किया था. कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए 13 अगस्त से स्पीडी ट्रायल शुरू कर दिया. 22वें दिन 3 सितंबर को दोनों को दोषी ठहराया और घटना के 50वें दिन आज दोनों को सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने 48 दिनों के अंदर दोनों आरोपी सुधांशु कुमार उर्फ रोशन और अंकित कुमार को दोषी माना था.’
48वें दिन अदालत ने माना दोषी
कुमार कहते हैं, ‘शुरू से ही हमने फैसला कर लिया था कि इस मामले को स्पीडी ट्रायल से जल्दी सुलझाएंगे. हमारी पूरी टीम इसमें दिन-रात लगी रही, क्योंकि मामला एक ही गांव का था और वह भी प्रेम प्रसंग का, तो मुझे लगा कि कहीं मामला और बड़ा न हो जाए. लड़का इसलिए नाराज था कि लड़की ने उससे बात करनी बंद कर दी थी. इसके बाद लड़कों ने बगल की हाट से चाकू खरीदा और दीवार के सहारे छत पर चढ़कर दोनों लड़कियों और उसके पिता की हत्या कर दी. हमने डीएनए, एफएसएल और सिरोलॉजिकल रिपोर्ट के साक्ष्य अदालत को दिए, जिसे अदालत ने सही पाया और आज फैसला सुनाया.
50वें दिन हो गई सजा
आपको बता दें कि आईपीएस अधिकारी डॉ. कुमार आशीष 2012 बैच के बिहार कैडर के अधिकारी हैं. आशीष ने पिछले साल ही जेएनयू से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है. आशीष को पढ़ने के साथ-साथ पढ़ाने का भी शौक है. मुजफ्फरपुर रेल एसपी रहते उन्होंने स्टेशन पर घूमने वाले लावारिस बच्चों के लिए रेल पुलिस पाठशाला की शुरुआत की थी. इस पाठशाला में लावारिस बच्चों को फ्री में शिक्षा दी जाती है. पिछले साल 15 अगस्त के दिन रेल पुलिस ने इस पहल की शुरुआत की थी. इस अनोखी पहल में प्लेटफॉर्म पर भटकने वाले लावारिस और जरूरतमंद बच्चों को अभी भी फ्री में शिक्षा दी जा रही है.
सारण एसपी का पदभार ग्रहण करने से पहले वह मुजफ्फरपुर के रेल एसपी, मोतिहारी में ट्रेनी एसपी और फिर 2014 में मधेपुरा एसपी के बाद नालंदा के एसपी के पद पर भी काम कर चुके हैं. डॉ आशीष कहते हैं, ‘बिहार के नए डीजीपी आलोक राज ने पूरी टीम को बधाई दी है. हमलोग बहुत जल्द उनसे मिलेंगे.’(एजेंसी)