3200 साल से जमीन के अंदर दफन खजाना मिला...

काहिरा : मिस्र में जमीन के अंदर दफन खजाना मिला है। पुरातत्वविदों के अनुसार, 3200 साल पुराने फराओ रामेसेस द्वितीय की एक सैन्य बैरक की खोज की है। खुदाई के दौरान मिले अवशेषों में सबसे उल्लेखनीय एक तलवार है,

3200 साल से जमीन के अंदर दफन खजाना मिला...

काहिरा : मिस्र में जमीन के अंदर दफन खजाना मिला है। पुरातत्वविदों के अनुसार, 3200 साल पुराने फराओ रामेसेस द्वितीय की एक सैन्य बैरक की खोज की है। खुदाई के दौरान मिले अवशेषों में सबसे उल्लेखनीय एक तलवार है, जिस पर रामेसेस द्वितीय का नाम अंकित है।

यह अवशेष प्राचीन मिस्र की सैन्य ताकत का एक महत्वपूर्ण प्रमाण है। यह सैन्य बैरक उत्तर-पश्चिमी नील डेल्टा के पास एक सैन्य सड़क के किनारे स्थित था, जिसका उद्देश्य पश्चिमी रेगिस्तान और भूमध्य सागर से नील डेल्टा में आने वाले आक्रमणकारियों से रक्षा करना था। रामेसेस द्वितीय को मिस्र के सबसे शक्तिशाली और सफल योद्धा फराओ के रूप में जाना जाता है,

जिन्होंने 15 सैन्य अभियानों में भाग लिया और अधिकांश में जीत हासिल की। इस सैन्य बैरक में कई गोदाम और संरचनाएँ पाई गईं हैं, जिनका उपयोग अनाज रखने और पकाने के लिए किया जाता था। पुरातत्वविदों को मिट्टी के बर्तनों में मछली और अन्य जानवरों की हड्डियों के अवशेष भी मिले हैं। इसके अलावा, गायों के दफन अवशेष भी पाए गए हैं, जिन्हें मिस्र में शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता था।

हालांकि, इस मामले में यह संभावना है कि गायों को भोजन के लिए इस्तेमाल किया गया होगा, क्योंकि उनकी हड्डियां एक ओवन के पास मिली थीं। रामेसेस द्वितीय के नाम से अंकित कांसे की तलवार विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह तलवार बैरक के एक छोटे से कमरे में मिली थी और इसे लड़ाई में इस्तेमाल किया जाता था। पुरातत्वविदों ने बताया कि यह तलवार केवल प्रतीकात्मक नहीं थी, बल्कि इसका वास्तविक सैन्य उपयोग होता था।(एजेंसी)