अग्निवीरों के लिए अच्छी खबर,अग्निपथ योजना में एक बड़ा बदलाव करने की तैयारी...

Agnipath Scheme : केंद्र सरकार बहुचर्चित अग्निपथ योजना में एक बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है. इसमें लंबे समय से सेना में अग्निवीरों की स्थाई भर्ती को बढ़ाने की मांग भी मानी जा सकती है.

अग्निवीरों के लिए अच्छी खबर,अग्निपथ योजना में एक बड़ा बदलाव करने की तैयारी...

Agnipath Scheme : केंद्र सरकार बहुचर्चित अग्निपथ योजना में एक बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है. इसमें लंबे समय से सेना में अग्निवीरों की स्थाई भर्ती को बढ़ाने की मांग भी मानी जा सकती है. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक केंद्र ने अग्निपथ भर्ती योजना में बदलाव करने की योजना बनाई है. इस बदलाव में सेना में अग्निवीरों को स्थाई तौर से रखने का हिस्सा बढ़ाया सकता है. इसके साथ ही वेतन और योग्यता की शर्तों में भी बदलाव किया जा सकता है. इन बदलावों का मकसद अग्निपथ योजना के पूरे ढांचे और लाभों में सुधार करना है. जिसकी विपक्ष आलोचना कर रहा है. सेना में भर्ती होने के इच्छुक लोगों का एक बड़ा तबका भी इस योजना के खिलाफ है.

‘इंडिया टुडे’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि अग्निवीरों के सेना में स्थाई रूप से शामिल करने के प्रतिशत को बढ़ाने पर विचार-विमर्श चल रहा है. जिससे उनमें से अधिक संख्या में लोग अपने शुरुआती चार साल के कार्यकाल से आगे सेना की पूर्णकालिक सेवा में बने रह सकें. मौजूदा समय में केवल 25 फीसदी अग्निवीरों को ही उनकी शुरुआती सेवा के समय के बाद सेना में रखा जाता है. इस संख्या को मिलिट्री एक्सपर्ट्स नाकाफी मानते रहे हैं.

सेना में बढ़ेगी अग्निवीरों की संख्या

रक्षा विभाग के एक टॉप सूत्र ने कहा कि जमीन पर जरूरी लड़ाकू ताकत को बनाए रखने के लिए अग्निवीरों की एक चौथाई संख्या को स्थाई तौर पर नियुक्त करना बहुत कम है. सूत्र ने आगे कहा कि सेना ने सिफारिश की है कि चार साल के अंत में अग्निवीरों को तैनात करने की संख्या में लगभग 50 फीसदी होनी चाहिए. सेना ने अंदरूनी फीडबैक और विभिन्न यूनिटों के भीतर किए गए सर्वे के बाद सरकार को इन संभावित बदलावों के बारे में सिफारिशें पहले ही सौंप दी हैं. रक्षा विभाग के ऊंचे पदों पर बैठे अधिकारियों ने कहा कि इस बदलाव में समय लग सकता है, लेकिन अग्निपथ योजना को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी संशोधन किए जाएंगे.

क्या है अग्निपथ योजना?

इस योजना को केंद्र सरकार ने 2022 में सेना की संख्या में कम करने और रक्षा विभाग के पेंशन बिल को कम करने की कोशिश में लागू किया था. इस योजना के मुताबिक अग्निवीरों को 4 साल के अनुबंध पर सेना, नौसेना और वायु सेना में भर्ती किया जाता है. कुल सालाना भर्तियों में से केवल 25 फीसदी को स्थायी कमीशन के तहत आगे सेवा जारी रखने की अनुमति है. हालांकि, अग्निपथ योजना को देश भर में विरोध का सामना करना पड़ा. जिसमें सेना के उम्मीदवारों ने कहा कि 4 साल के बाद सेवा छोड़ने वालों का भविष्य अनिश्चित होगा. कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने इस योजना को वापस लेने की मांग की है, जबकि एनडीए के सहयोगी दलों ने इसकी समीक्षा की मांग की है. इसके अलावा बीजेपी की आंतरिक रिपोर्टों से पता चलता है कि पार्टी को हाल के लोकसभा चुनावों में उन सीटों पर झटका लगा है, जहां रक्षा कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक है.(एजेंसी)