डेंगू का बढ़ रहा कहर,घर पर की ये गलती, तो खतरे में पड़ सकती है जान...
Health News : मानसून के मौसम में बारिश होने के कारण जगह-जगह पानी जमा होने से मच्छरों के पनपने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है. लगातार डेंगू और मलेरिया के मरीज भी सामने आने लगे हैं.
Health News : मानसून के मौसम में बारिश होने के कारण जगह-जगह पानी जमा होने से मच्छरों के पनपने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है. लगातार डेंगू और मलेरिया के मरीज भी सामने आने लगे हैं. लोगों को चाहिए कि वह अपनी सेहत का विशेष रूप से ध्यान रखें. डेंगू के मच्छरों को पनपने से किस प्रकार से रोक सकते हैं? इसके साथ ही अगर उनको डेंगू और मलेरिया हो जाता है तो उसका समय पर पता लगाने के साथ ही चिकित्सकों से उसका कैसे ट्रीटमेंट ले जिससे उनकी जान को खतरा न हो.
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ आलोक गुप्ता की माने तो डेंगू और मलेरिया के चलते समय पर ध्यान नहीं दिया जाए तो यह आपकी सेहत को बिगाड़ने के साथ ही आपकी किडनी पर भी असर कर सकता है जिससे आप मौत के मुंह में जा सकते हैं. इसलिए इससे बचने के लिए इस बातों का ध्यान रखना चाहिए.
डॉ आलोक गुप्ता ने बात करते हुए कहा कि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया यह बीमारियां मच्छरों के द्वारा ही होती है. इसलिए मच्छरों को जितना हो सके न पनपने दें. पहले यह कहा जाता था कि मलेरिया के मच्छर गंदे पानी में होते हैं. मगर पिछले 20 साल से जब से डेंगू और चिकनगुनिया आया है तब से यह देखा गया है कि इनके मच्छर साफ पानी में पनपते हैं. जहां भी पानी स्टोर करके रखते है इनको बदलना चाहिए. अगर पानी नहीं बदल पाते तो देखना चाहिए कि उसमें मच्छर या फिर उसका लारवा तो नहीं पनप रहा है. दवाई का छिडकाव जरूर करना चाहिए.
इसलिए पनपते हैं मच्छर
इस मौसम में पेट की बीमारियां काफी सामने आती है. जो गंदे पानी के कारण होती है. हैजा टाइफाइड के अलावा जानलेवा बीमारियां होती है. इसलिए ध्यान रखें कि स्वच्छ और साफ पानी ही पीना चाहिए. मौसम के बदलने के साथ ही सर्दी जुखाम के मरीज ज्यादा सामने आती है उनको ध्यान रखने की जरूरत है. जिनको फेफडो या फिर हार्ट की बीमारी है उनको विशेष ध्यान रखना चाहिए.
डेंगू होने पर यह महसूस होते हैं लक्षण
डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया यह तीनों ही बीमारियों में लापरवाही करना जान जोखिम में डालने जैसा है. इस तरह की लापरवाही मरीज की मौत का कारण बन जाती है. आइए जानते हैं कि चिकनगुनिया, डेंगू और मलेरिया में क्या अंतर होता है? डेंगू में बुखार के साथ हाथ-पैर में दर्द रहता है. इंसान को भूख कम लगने लगती है. जी मचलाना और उल्टी करने की टेंडेंसी भी हो सकती है. डेंगू का बुखार बहुत तेज होता है और ठंड के साथ बुखार आता है. डेंगू के बुखार का एक खास लक्षण होता है सिर में और आंखों में तेज दर्द. कभी आंख और नाक से खून आने के लक्षण भी दिख सकते हैं. स्किन में लाल धब्बे पड़ना भी कभी-कभी देखा गया है. डेंगू की सबसे अहम पहचान होती है कि मरीज को बुखार के साथ कमजोरी लगने लगती है क्योंकि उसके प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं.
यह चिकनगुनिया के लक्षण
चिकनगुनिया के लक्षण भी डेंगू से मिलते जुलते हैं लेकिन इसमें प्लेटलेट्स काउंट कम नहीं होते हैं इसलिए मरीज को डेंगू की तुलना में कमजोरी कम लगती है. तेज बुखार के साथ जोड़ों में दर्द चिकनगुनिया का सामान्य लक्षण होता है. जब भी बुखार आता है तो तेज सिरदर्द और चक्कर आने जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं. चिकनगुनिया में शरीर में जकड़न की समस्या भी रहती है. चिकनगुनिया का जो सबसे अहम लक्षण माना जाता है शरीर में चकत्ते या दाने पड़ना होता है जिनका रंग हल्का लाल रंग का होता है.
मलेरिया होने पर यह होते है लक्षण
मलेरिया होने पर रोगी को सर्दी लगने लगती है और शरीर कांपने लगता है. इसके अन्य लक्षणों में सर्दी के साथ प्यास लगना, उल्टी होना, हाथ पैरों में ठंड लगना और बेचैनी होना आदि है. इस बीमारी में कब्ज, घबराहट और बेचैनी आदि होने लगती है.(एजेंसी)